भोपाल । कोरोना वायरस संकट काल में कुछ डॉक्टर्स एवं नर्सेस अपनी डयूटी ईमानदार से निर्वाह कर सेवा की मिसाल कायम कर रहे हैं तो कुछ लोग अपने पेशे को बदनाम करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा मामला प्रकाश में आया है राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज में। यहां के कुछ डॉक्टर तो ऐसे हैं जो मरीजों के घर जाकर नि:शुल्क इलाज कर रहे है जबकि कुछ ऐसे डॉक्टर भी हैं जो कोरोना ड्यूटी से बचने के लिए बड़ी-बड़ी सिफारिशें लगवा रहे हैं। उधर कई विभाग के अध्यक्ष भी डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने में पक्षपात कर रहे है। इस वजह से उन डॉक्टरों में जबरदस्त नाराजगी है जो करीब साल भर से कोरोना की ड्यूटी करने में लगे हुए हैं। मेडिसिन विभाग के एक डॉक्टर ने हाल ही में कोरोना से अपनी ड्यूटी कटवा कर दूसरे काम में लगवा दी है। यही हाल अन्य विभागों का भी है। उधर, गैर चिकित्सकीय विभागों के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने से वह भी जमकर नाराज हैं। उनका कहना है कि जब चिकित्सकीय विभागों में पर्याप्त डॉक्टर हैं तो फिर उन्हें कोरोना की ड्यूटी में क्यों लगाया जा रहा है। बता दें कि मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद गांधी मेडिकल कॉलेज में कोरोना के लिए 680 बिस्तर बनाए गए हैं। ऐसे में डॉक्टरों की कमी होने पर गैर चिकित्सकीय विभागों के डॉक्टरों की भी ड्यूटी लगा दी गई है। गांधी मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने बताया कि ऐसे डॉक्टर भी हैं जिन्होंने कोविड-19 भी ड्यूटी नहीं की है। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि कोरोना के लेकर जबरदस्त डर है। टीका लगने के बाद भी मौजूदा स्थिति में जीएमसी के 80 डॉक्टर और 100 स्टाफ नर्स संक्रमित हैं। दूसरी बात यह है कि गर्मी में पीपीई किट पहनकर ड्यूटी करने में बहुत परेशानी आती है, इसलिए डॉक्टर ड्यूटी से बचना चाहते हैं। एक और बात यह है कि डॉक्टरों को इस बात का डर है कि उनके माध्यम से संक्रमण उनके घर तक नहीं पहुंच जाएं। खुद के परिवार को सुरक्षित रखने के लिए ये डॉक्टर अपने कर्त्तव्य से भी मुंह मोड रहे हैं। ऐसे समय में जब इनकी सेवा की सबसे ज्यादा जरुरत है ऐसे में तरह-तरह के बहाना बनाकर एवं बडे-बडे लोगों की सिफारिशें लगवा कर डयूटी से बचना चाहते हैं।