Home मध्य प्रदेश प्रदेश में कोरोना से 250 वकीलों की हो चुकी मृत्यु

प्रदेश में कोरोना से 250 वकीलों की हो चुकी मृत्यु

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भोपाल । मप्र में अब तक 250 वकीलों की मृत्यु कोरोना से हो चुकी है। इसमें से भोपाल के एक निजी अस्पताल में कोरोना से एक वरिष्ठ महिला वकील की मौत हो गई। इसको लेकर एक वकील ने शिकायत कर मामले की जांच कराने की अपील की। इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर और एसडीएम को काम में लापरवाही बरतने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की। जिसे देखते हुए स्वास्थ्य आयुक्त सह सचिव आकाश त्रिपाठी ने इस पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश भोपाल कलेक्टर को जारी कर दिए हैं।

वकील यावर खान ने बताया कि भोपाल की वरिष्ठ वकील पुष्पा मिश्रा को कोरोना होने के बाद गंभीर हालत में करोंद स्थित आयुष्मान अस्पताल में एडमिट कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें रेमडेसिवियर इंजेक्शन की आवश्यकता बताई थी। इंजेक्शन के बाहर बाजार में उपलब्ध नहीं होने के कारण पुष्पा के परिजनों ने जिला प्रशासन में आम जनता को इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए नियुक्त अधिकारी ड्रग इंस्पेक्टर केएल अग्रवाल और एसडीएम भोपाल माया अवस्थी से संपर्क किया, लेकिन दोनों ही अधिकारियों द्वारा मदद नहीं की गई। उचित उपचार और दवाइयां प्राप्त नहीं होने के कारण पुष्पा की मृत्यु हो गई। ड्रग इंस्पेक्टर केएल अग्रवाल और स्ष्ठरू माया अवस्थी द्वारा अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतना और मरीजों का सहयोग नहीं करना है। इन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए। इस संबंध में मैंने मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को एक ईमेल 20 अप्रैल 2021 तथा पत्र लिखा था, जिसकी कॉपी कॉपी भी दे रहा हूं। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य आयुक्त सह सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग आकाश त्रिपाठी ने भोपाल कलेक्टर को इस मामले में जांच करने के आदेश दिए हैं।

एमपी स्टेट बार कौंसिल ने जताई चिंता

एमपी स्टेट बार कौंसिल ने प्रदेश में कोरोना से वकीलों की मृत्यु को लेकर चिंता जताई है। एमपी स्टेट बार कौंसिल के उपाध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने कहा इससे साफ है कि कोरोना की दूसरी लहर घातक है। यदि तीसरी लहर आई तो हालात और भी विकराल हो सकते हैं। ऐसे में सावधानी अति आवश्यक है। सभी वकील अपनी इम्युनिटी पर विशेष ध्यान दें। सेहत बेहतर रखने के लिए उपाय करें। गर्म पानी का सेवन व भाप रोज लें। आयुर्वेदिक औषधियों से भी तंदुरस्ती कायम रखी जा सकती है। जहां तक आर्थिक रूप से कमजोर वकीलों का सवाल है, तो उनके लिए स्टेट बार पांच करोड़ का प्रविधान कर चुका है। केंद्र व राज्य शासन से पैकेज हासिल करने की दिशा में भी प्रयास जारी हैं। शीघ्र सफलता मिलने की पूरी उम्मीद है।

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