घरघोड़ा- लगातार 2 सीजन पर हुए लॉकडाऊन से कूडूमकेला के कृषक कोमल सिंह ठाकुर को हुए केला व तरबूज का फसल नही बिक पाने से लाखों का नुकसान हुआ है।कृषक कोमल सिंह द्वारा 20 एकड रकबे में प्रति वर्ष केला और तरबूज बिपूल उत्पादन कर मार्च से मई के महिनो में लगभग 25 लाख रु का फसल बिभिन्न बाजारो में बेचा जाता था। बिगत वर्ष के लॉक डाऊन में तरबूज व केला के बिक्री नहीं होने से कोमल सिंह को लगभग 15 लाख का फ़ल जमीन मे सढ़ जाने से नुकसान उठाना पड़ा । घर की जमा पूंजी व बैंक के कर्ज से दबे किसान कोमल सिंह ने हार न मानकर इस वर्ष भी तरबूज व केले की खेती में अपना बचा पूंजी लगाकर बिगत वर्ष की हुई हानि की भरपाई के लिये मेहनत से उत्पादित फसल फिर बैश्वीक महामारी कोरोना के लाक डाऊन के कारण न तो केला बिक पाया, ओर न ही लाखों रूपये का तरबूज बाहर बिक्री हेतु जा सका। घरघोड़ा क्षेत्र में प्रगतिशील कृषक के रूप मे अपनी पहचान रखने वाले कृषक कोमल सिंह ठाकुर ने संवाददाता से अपनी दुखड़ा ब्यक्त करते हुए कहा की खेत की तैयारी, बीज, खाद व दवा तथा मजदूरी भुगतान में फसल के तैयार होने तक में 10 से 12 लाख रु लग जाता है ओर जब फसल तैयार होकर बेचने की बारी आती है तो लॉक डाऊन लग जाता है, जिससे हमारा फसल बाहर नही जा पाता है, बिगत दो वर्ष तरबूज व केले में बिक्री नही कर पाने से लाखों का कर्जदार बन गया हूँ, शासन की ओर से कोई मुवावजा का प्रावधान भी नहीं है। मै खेती से अब पुर्ण रूप से टूट चुका हूँ, मेरे समक्ष अब इस बात की चिंता है कि बैक का कर्ज, ब्यपारियों से लिये खाद बीज का कर्ज कैसे चुका पाऊँगा। दो वर्ष से लगातार हो रही हानि के कारण अब और आगे खेती करने के लिये धन राशि भी नही बचा, जिससे मैं आगे हिम्मत कर सकूँ।