Home छत्तीसगढ़ सरकारी ऑटोनॉमस कॉलेजों में विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़

सरकारी ऑटोनॉमस कॉलेजों में विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़

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बिलासपुर । ये पीड़ा है बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ के नारे पर अपना सबकुछ लगाकर बिटिया को पढ़ाने वाले एक पिता की। उसने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसके परिवार में कोई पढा-लिखा नहीं है, सरकार के बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ के नारे पर रोजी-मजदूरी कर वह अपनी बिटिया को शासकीय बिलासा कॉलेज में पढ़ा रहा। बिटिया को भी पढ़ाई में रुचि है। वह बीएससी फाइनल में है, साल में दो सेमेस्टर की परीक्षा होती है इस हिसाब से 5 वे सेमेस्टर की परीक्षा सितंबर-अकटुबर 2020 में और 6 वे और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा मार्च-अप्रेल में होनी थी, पर अभी तक 5 वे सेमेस्टर की परीक्षा ही नहीं हुई।

छात्रा के पालक का कहना है कि वह अपनी बिटिया को पीएससी की परीक्षा दिलाकर प्रशासनिक अफसर बनाना चाहते है, पर जब तक ग्रेजुएशन कम्प्लीट नहीं होता जब तक वह प्रतियोगी परीक्षा में भाग ले नहीं सकती। वह अपनी बिटिया को लेकर जानकारी लेने पहुँचा तो कालेज से जवाब मिला कि हम नहीं जानते।

उनका कहना है कि जब अन्य कालेजों में सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन ली जा रही है तो गवर्नमेंट ऑटोनॉमस कालेज सेमेस्टर की ऑनलाइन परीक्षा क्यों आयोजित नहीं करा रहा।

सात माह विलम्ब से चल रही सेमेस्टर प्रणाली आखिर कब पूरी होगी, कब उसकी बिटिया की पढ़ाई पूरी होगी और कब वह अपनी बिटिया को अफ़सर की कुर्सी पर बैठे देख सकेगा। उन्होंने बताया कि ऑटोनॉमस कालेजों में किसी भी क्लास की सेमेस्टर परीक्षा नहीं ली जा रही सभी जगह लेटलतीफी का आलम है।

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