Home मध्य प्रदेश बैतूल के बोरगांव में गई 22 की जानें, कारण है अज्ञात

बैतूल के बोरगांव में गई 22 की जानें, कारण है अज्ञात

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 भोपाल । प्रदेश के बैतूल जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर हरदा रोड पर है ग्राम बोरगांव। इस गांव में एक महीने के अंदर बाइस मौतें हो गई। इनमें पांच से सात फीसदी लोगों की मौत कोरोना से हुई और शेष मौतों का कारण अज्ञात है। इतनी बडी संख्या मं हुई मौतों को लेकर ग्रामीण भी हैरान है।  जिले में सर्वाधिक मौतें इसी गांव में हुई हैं। कुछ गांव ऐसे हैं जहां 7 से 12 मौतें हो चुकी हैं। एक के बाद एक मौतों से ग्रामीणों में भय है। चिंता की बात यह है कि ग्रामीण अंचलों के हर घर में कोई न कोई बीमार है। तब भी लोग जांच और वैक्सीन लगवाने से बच रहे हैं। ग्रामीण पर्वतराव धोटे ने बताया कि 2 अप्रैल को सरस्वती पत्नी रामराव सोनारे की मौत हुई थी तब से लेकर मंगलवार तक 22 लोग जान गंवा चुके हैं। 3500 की आबादी है। एक ही महीने के भीतर 22 ग्रामीणों की मौत ने चिंता में डाल दिया है। हर दूसरे घर में कोई न कोई सदस्य बीमार है। जिन्हें जांच कराने व वैक्सीन लगवाने के लिए जागरुक कर रहे हैं। घटनाएं बढ़ी तो सभी ग्रामीणों ने मिलकर स्वेच्छा से कोरोना कफ्र्यू लगाया है। इस बारे में बैतूल जनपद पंचायत उपाध्यक्ष गीता धोटे का कहना है ‎कि मेरे गांव में 22 ग्रामीणों की मौतें हुई हैं। कुछ की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। बाकी जांच कराते उसके पहले ही शांत हो गए। हम स्वास्थ्य विभाग की टीम बुलवाकर लगातार जांच करवा रहे हैं। ग्रामीणों को समझाइश दे रहे हैं। बोरगांव के ही ग्रामीण मनोज धोटे हैं। उन्होंने बताया ‎कि जिन 22 ग्रामीणों का निधन हुआ है उनमें मेरे पिता साहेबराव धोटे भी शामिल हैं। उनका आक्सीजन लेवल कम हो गया था। गांव की स्थिति ठीक नहीं है। एक—एक घर का सर्वे करना चाहिए, प्रत्येक बीमार की कोरोना जांच होनी चाहिए। वैक्सीनेशन सभी के लिए अनिवार्य हो। ग्रामीणों में भ्रम को दूर करना चाहिए। इस बारे में बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस का कहना है ‎कि बोरगांव ही अकेला गांव नहीं है जहां अधिक मौतें हुई हैं। कुछ गांव और हैं, जहां अधिक मौतें हुई हैं। कुछ गांवों का सर्वे करा लिया है। जिनमें 5 से 7 फीसद मौतें कोरोना संक्रमण के कारण होना सामने आया है। बाकी के जिन ग्रामीणों का निधन हुआ है उनमें से कुछ गंभीर बीमार थे। उनका पूर्व से इलाज चल रहा था, कुछ उम्रदराज थे। इन सबके बीच कम समय में अधिक मौतें चिंता का विषय है। बोरगांव में भी सर्वे करेंगे।

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