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तीन ठेका कम्पनियों के कैम्प हुए सील

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कोरबा कोरबा जिले की क़ुसमुण्डा कोयला खदान में आज कोविड नियमो और प्रोटोकाल के उल्लंघन पर तीन ठेका कम्पनियों के अस्थाई कैम्प कार्यालय प्रशासन ने सील कर दिए है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने क़ुसमुण्डा और गेवरा खदान में औचक निरीक्षण किया था। इससे पहले भी कई बार बैठकों के माध्यम से भी सभी ठेका कम्पनियों सहित खदान प्रबंधन को भी कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए ज़रूरी निर्देश दिए थे। कलेक्टर श्रीमती कौशल के निर्देश पर कटघोरा अनुभाग के राजस्व अधिकारियों, श्रम पदाधिकारी, खनिज अधिकारी और पुलिस अधिकारियों की टीम ने क़ुसमुण्डा खदान में दबिश दी और ठेका कम्पनियों के अस्थाई कैम्पों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान दूसरे राज्यों से मज़दूर-कर्मियों को लाकर बिना सूचना, कोविड टेस्ट और कोविड प्रोटोकाल का बिना पालन किए काम कराने के कारण तीन ठेका कम्पनियों एस.के. सामंता एंड कम्पनी, आरवीआर प्रॉजेक्ट्स प्राईवेट लिमिटेड और आरआर पावर सलूशन कम्पनी के अस्थाई कैम्प कार्यालयों- कार्यस्थलों को सील कर दिया गया।जाँच दल में नायब तहसीलदार शशिभूषण सोनी,प्रांजल मिश्रा, श्रम अधिकारी राजेश आदिले, खनिज अधिकारी उत्तम खूँटे और पुलिस अधिकारी भी शामिल रहें।

     कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल भी कुसमुंडा और गेवरा की कोयला खदानो में निरीक्षण पर पहुँची थी। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खदानो से कोरोना संक्रमण के आसपास के गाँवों और रिहायशी इलाक़ों में फैलने की रोकने के निर्देशो के चलते खदान प्रबंधन के अधिकारियों को प्रवेश द्वारों पर कोविड टेस्ट और अस्थाई कैम्पों में बाहर से आकर काम कर रहे कर्मियों के लिए कोविड प्रोटोकाल के हिसाब से सभी व्यवस्थाएँ करने के कड़े निर्देश दिए थे।

     क़ुसमुण्डा खदान में कोल खनन के काम में लगी इन तीनो कम्पनियों ने पश्चिम बंगाल, बिहार, आँध्रप्रदेश सहित छतीसगढ़ के अलग अलग स्थानो से मज़दूरकर्मी लाकर काम पर लगाए है, परंतु उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाने के कोई पुख़्ता इंतज़ाम नहीं किए गए। इन कर्मियों से कोविड संक्रमण का दूसरे कामगारों में भी फैलने का पूरा अंदेशा है।

     इस कोरोना काल में भी ठेका कम्पनियों ने बाहर से लाए गए कामगारों का कोई रिकार्ड या जानकारी प्रशासन को नहीं दी है और ना ही उनकी कोविड जाँच कराई गई है। छोटे छोटे कमरों और तरिपाल से बने अस्थाई कैम्प में बड़ी संख्या में कामगारों को रुकाया गया है। इन अस्थाई कैम्पों में कामगारों के बीच सोशल डिसटेंसिंग, उनके और रहवास के सेनेटाईजेसन की भी कोई व्यवस्था नहीं पाई गई। किसी कामगार को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्रोफ़ाइल ऐक्सिस दवाओं का भी यहाँ कोई इंतज़ाम नहीं मिला। किसी कामगार के कोविड संक्रमित हो जाने पर उसे दूसरे कर्मियों से अलग आईसोलेट कर ईलाज़ की व्यवस्था, पल्सआक्सीमीटर और थर्मामीटर भी इन कैम्पों में नहीं मिलें। जाँच के दौरान कम्पनियों के प्रतिनिधि बाहर से लोगों को लाकर काम कराने सम्बन्धी अनुमति सहलेबर लाईसेंस भी प्रस्तुत नहीं कर पाए।

     कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल को जब जाँच दल के अधिकारियों ने खदान के अस्थाई कैंपों में इन अव्यवस्थाओं की जानकारी दूरभाष पर दी तो श्रीमती कौशल ने कैंप- कार्यस्थलों को तत्काल सील करने के निर्देश जाँच अधिकारियों को दिए। साथ ही उन्होंने दो दिन के भीतर खदानो में स्थित ऐसे सभी अस्थाई कैम्प, कार्यस्थलों में कोविड नियमो- निर्देशो के अनुसार सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए है।

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