भोपाल । राजधानी में कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए लॉकडाउन लगाया गया है। इसमें कारखानों के साथ ही जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है। इन संस्थानों में काम करने वाले लोग भी कोरोना की चपेट में आ रही है। अब भोपाल की गोविंदपुरा से विधायक कृष्णा गौर ने भेल कारखाना बंद न करने के विरोध में बुधवार को धरने देने की चेतावनी दी है। विधायक ने कहा कि अब तक 100 कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो गई हैै। इस संबंध में उन्होंने मंगलवार को भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया को धरने की अनुमति के लिए पत्र लिखा है।
बता दें विधायक लंबे समय से कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिए भेल कारखाने को बंद करने की मांग कर रही है। अब उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि भेल प्रबंधन भोपाल इकाई को तत्काल बंद करने के आदेश जारी नहीं करता है तो मुझे कोविड नियमों का पालन करते हुए धरने पर बैठने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
कृष्णा गौर ने कहा कि भेल में कर्मचारी लगातार संक्रमित हो रहे है। रोज कोई दुख भरी खबर सुनने को मिल रही है। अब मैं अपने लोगों को खोना नहीं चाहती हूं। भेल प्रबंधन को संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए 7 दिन के लिए कारखाने को बंद करना चाहिए। यदि भेल प्रबंधन इस पर कोई निर्णय नहीं लेता है तो मैं चेतावनी देते हुए कि बुधवार को धरने पर बैठूंगी।
500 कर्मचारी संक्रमित, 100 की अब तक मौत
अपने पत्र में विधायक ने लिखा है कि बीएचईएल कारखाने में संक्रमितों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। साथ ही कर्मचारियों की मौत भी हो रही है। आज संक्रमितों की संख्या लगभग 500 है। और करीब 100 (ठेका श्रमिकों को मिलाकर) कर्मचारियों की मौत भी हो गई है। इस कारण कर्मचारियों एवं उनके परिवार में भय एवं निराशा की भावना व्याप्त हो गई है।
भेल की दूसरी इकाइयां बंद
पत्र में यह भी बताया गया है कि बीएचईएल कारखाने कि अन्य इकाइयों जैसे बैंगलुरू, रानी पेठ, तिरुच्चिराप्पल्लि आदि में अपनी इकाइयों को अलग-अलग तारीख के लिए बंद कर दिया है। विधायक ने उनको बंद करने के आदेश की प्रतिलिपियां भी संलग्न करने का जिक्र किया है। लेकिन भोपाल भेल प्रबंधन अपने हठधर्मिता के कारण अपनी इकाई को सख्त चालू कर रखा है। जिससे आज भयावह परिस्थिति उत्पन्न हो गई है।