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एकजुटता जनभागीदारी की ताकत और धैर्य, हिम्मत से हम कोरोना संकट को हरा पाएंगे : सुश्री उइके

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रायपुर,। आज पूरे विश्व के सामने कोरोना संकट छाया हुआ है। संकट से निपटने देश एवं प्रदेश जी जान से जुटा है। यह हमारी परीक्षा की घड़ी है, किसी भी कठिन परीक्षा की घड़ी का सामना करना हो तो धैर्य होना आवश्यक है। यदि हम हिम्मत रखे और योजनाबद्ध तरीकों से प्रयास करें तो जरूर सफलता मिलती है। ये बात इस कोरोना संकट में भी लागू होती है। पहले की अपेक्षा कोरोना संक्रमण सुधर रही है और जल्द ही इस संकट से मुक्ति पा लेंगे। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई द्वारा आयोजित वेबिनार ‘‘कोविड-19 जागरूकता एवं बचाव’’ में अपने संबोधन में कही। राज्यपाल ने चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मी, सफाई-कर्मचारी, सुरक्षाबल, पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी सहित सभी कोरोना वारियर्स को धन्यवाद देते हुए कहा कि जिस प्रकार से इस संकट के पहले चरण में  और अब भी जिस समर्पण भाव से सेवा कर रहे है वह सराहनीय है।

राज्यपाल ने कहा कि कोरोना के खिलाफ अब तक बड़ी मजबूती से और बड़े धैर्य से जो लड़ाई हम सभी ने लड़ी है। इसका श्रेय आप सभी राज्यवासियों को ही जाता है। जिसने अनुशासन व धैर्य के साथ कोरोना से लड़ते हुए राज्य को और देश को यहां तक लाए हैं। मुझे विश्वास है कि जनभागिदारी की ताकत से हम कोरोना के तूफान को परास्त कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारा राज्य संकट से जूझ रहा है, ऐसे प्रतिकूल परिस्थितियों मंे शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका भी अहम हो जाती है। इस समय हमें लड़ाई को जीतने के लिए सही सलाह और सहयोग को प्राथमिक्ता देनी है। मैं सभी कालेजों के प्रिंसिपल और निदेशकों सेआग्रह करती हूं कि अपने कॉलेज के छात्र-छात्राओं और अध्यापकों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए और आम जनता को जागरूक करें। साथ ही जरूरतमंद को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना, फोन या वाटसअप पर डाक्टरों से परामर्श दिलाना-काउंसलिंग कराना, उनके मन का डर का दूर करने के लिए स्थानीय निवासियों की सहायता से सकारात्मक वातावरण विकसित करना इत्यादी प्रयास  करें।

उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी वैक्सीन बनाने का काम काफी पहले शुरू कर दिया था और हम सफल भी हुए। हमारे वैज्ञानिकों ने दिन रात एक करके बहुत कम समय में देशवासियों के लिए वैक्सीन विकसित किया हैं। आज दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन भारत के पास है। एक टीम एफर्ट के साथ हमारा भारत दो मेड इन इंडिया वैक्सीन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर पाया।

उन्होंने कहा कि टीकाकरण के पहले चरण से ही गति के साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों में जरूरतमंदों तक वैक्सीन पहुंचे और फ्रंटलाइन वर्कर जैसे चिकित्सक, पुलिसकर्मी इत्यादि को वैक्सीनेशन किया गया। अब 18 वर्ष के ऊपर आयु वाले को वैक्सीन लगाया जा रहा है। अतः मेरा आग्रह है कि अधिक से अधिक लोग वैक्सीनेशन कराएं। इस वेबिनार में कुलपति एम.के. वर्मा सहित विश्वविद्यालय से संबंधित विभिन्न कॉलेजों के निदेशक एवं प्राचार्यगण उपस्थित थे।

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