भोपाल । पुलिस महानिरीक्षक इंदौर हरिनारायणचारी मिश्र ने ने बताया कि शहर में नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन बेचने के मुख्य आरोपी सुनील मिश्रा, पुनीत शाह और कौशल वोहरा सहित सभी11आरोपियों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या की धारा बढ़ा दी गयी है। आरोपियों की सम्पत्ति जब्त की जाएगी।उल्लेखनीय है कि आरोपियों ने इंदौर में एक हजार तथा जबलपुर के सिटी हास्पिटल में दो सौ नकली इंजेक्शन देना कबूला है। आरोपियों को पूछताछ के लिए गुजरात से प्रोटक्शन वारंट पर इंदौर लाया जाएगा।
इसी तारतम्य में पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा को विश्वसनीय मुखबिर द्वारा जानकारी प्राप्त हुई कि भगवती फार्मा एवं सपन जेन के भाई सत्यम जैन के सत्यम मेडिकोज मे नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन हो सकते है। सूचना की तस्दीकी कार्यवाही हेतु तत्काल पुलिस अधीक्षक द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर श्री रोहित केशवानी के नेतृत्व में नगर पुलिस अधीक्षक ओमती श्री आर.डी. भारद्वाज, थाना प्रभारी ओमती श्री एसपीएस बघेल, थाना प्रभारी रांझी श्री आर.के. मालवीय, थाना प्रभारी घमापुर श्री दिलीप श्रीवास्तव, थाना प्रभारी भेडाघाट श्री शफीक खान, थाना प्रभारी खमरिया सुश्री निरूपा पाण्डे की एक विशेष टीम गठित की गयी। गठित टीम द्वारा भगवती फार्मा के लायसेंस धारी सत्यम जैन उम्र 27 वर्ष निवासी आशा नगर अधारताल एवं सिटी अस्पताल के कर्मचारी देवेस चैरसिया पिता दिलीप चैरसिया जो कि सिटी अस्पताल मे दवा सप्लाई का काम देखता है से सघन पूछताछ की गयी।
पूछताछ पर पाया गया कि 23 अप्रैल एवं 28 अप्रैल को अम्बे ट्रेवल्स के माध्यम से इंदौर से रेमडिसिविर इंजेक्शन के दो कार्टून जबलपुर आये थे। जिसे सरबजीत सिंह मौखा के कहे अनुसार देवेस चैरसिया लेने के लिये गया था तथा दमोह नाका स्थित अम्बे ट्रांसपोर्ट से प्राप्त कर सिटी अस्पताल लाकर सरबजीत सिंह मोखा के कक्ष मे रखा था। इन दवाओं का भुगतान सपन जैन के द्वारा किया गया परंतु इस संबंध में सिटी अस्पताल द्वारा कोई रिकार्ड संधारित नही किया गया।
उल्लेखनीय है कि थाना बी डिवीजन जिला मोरवी गुजरात द्वारा नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन की फैक्ट्री से नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन जप्त किये गये थे और उसी फैक्ट्री मेे बने नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन इंदौर से ट्रांसपोर्ट के माध्यम से सिटी अस्पताल जबलपुर के डायरैक्टर सरबजीत सिंह मौखा द्वारा मंगवाये गये थे।
सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मौखा द्वारा अपने सहयोगियों के साथ षणयंत्रपूर्वक कोविड महामारी के दौर में मरीजो के साथ छल करते हुए, मानव जीवन को संकटापन्न कर अवैध लाभ अर्जित करने के लिये अपमिश्रित दवाओ का उपयोग किया जाना पाया जाने पर सिटी अस्पताल के डायरैक्टर सरबजीत सिंह मौखा, देवेस चैरसिया, सपन जैन एवं अन्य के विरूद्ध थाना ओमती में 9 मई को धारा 274,275,308,420,120 बी, भा.द.वि. एवं 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा 3 महामारी अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर देवेश चैरसिया पिता दिलीप चैरसिया उम्र 41 वर्ष निवासी न्यू रामनगर अधारताल को प्रकरण में विधिवत गिरफ्तार किया गया है। सपन जेैन निवासी आशा नगर अधारताल गुजरात पुलिस की गिरफ्त में है जबकि सिटी अस्पताल के डायरैक्टर सरबजीत सिहं मोखा फरार है। जिसकी गिरफ्तारी हेतु क्राईम ब्रांच की टीमों को लगाया गया है।