कोरबाजिला शिक्षा अधिकारी के नो वर्क नो पेमेंन्ट के फरमान के बाद जिले भर के शिक्षकों में हड़कम्प मच गया है । इस आदेश के खिलाफ छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आदेश को वापस लेने की मांग की है। जिला शिक्षाधिकारी ने वर्चुअल बैठक में शिक्षकों के लिए एक मौखिक आदेश दिया था। जिसमें कहा गया था कि जिन शिक्षकों की ड्यूटी दूसरे कार्य मे लगी है उन्हें छोड़कर सारे बचे हुए सारे शिक्षक/ व्याख्याता प्रतिदिन नियमित रूप से विद्यालय आएंगे। विद्यालय आकर एक्टिव सर्विलेंस के कार्य में सहयोग करेंगे। नो वर्क नो पेयमेंट के सिद्धांत पर कार्य किया जाएगा। अर्थात प्रत्येक शिक्षक को ड्यूटी करना आवश्यक है। ड्यूटी नही करने पर वेतन नही दिया जाएगा। केवल कोविड पॉजिटिव शिक्षकों को ही 14 दिन का अवकाश दिया जाएगा। उन्हें घर में किसी के पॉजिटिव आने के बाद भी होम आइसोलेशन नहीं मिलेगा व ड्यूटी करनी होगी। मेडिकल लिव देने वाले सभी शिक्षकों को मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होकर मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा।
इस आदेश के बाद शिक्षकों में जमकर आक्रोश है। आदेश जारी होने के बाद शिक्षक मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे है। उक्त आदेश को वापस लेने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश सयुंक्त शिक्षक संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन सौंपने वाले पदाधिकारियों में कार्यकारी प्रांताध्यक्ष ओम प्रकाश बघेल, प्रांतीय मीडिया प्रभारी मुकुंद केशव उपाध्याय, जिला अध्यक्ष नित्यानंद यादव सहित अन्य शामिल थे