रायगढ़, । कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए वैक्सीन लगवाने से कोरोना से लडऩे शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती मिलती है। वैक्सीनेटेड लोगों के अनुभव भी इस बात को पुष्टि करते हैं कि वैक्सीनेशन के पश्चात भी यदि संक्रमण होता है तो गंभीर स्थिति में जाने या अस्पताल में एडमिट होने की संभावनाएं भी न्यूनतम होंगी।
रायगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में कार्य करने वाले भुवनेश्वर मालाकार दो बार कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। एक बार वैक्सीन लगवाने से पहले और दूसरी बार वैक्सीन लगवाने के बाद। वे बताते हैं कि दोनों बार के संक्रमण के अनुभव काफी अलग रहे। वे स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ मैनेजमेंट उनकी भर्ती नियुक्ति और पदस्थापना संबंधी कार्य करते हैं। इस सिलसिले में कई लोगों से रोजाना उनकी मुलाकात होती है। इसके चलते वे दो बार कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। पहली दफा पिछले वर्ष 5 सितंबर को और दूसरी बार इस वर्ष 12 अप्रैल को वे कोरोना पॉजिटिव आए थे। दूसरी बार पॉजिटिव आने से पहले उन्होंने वैक्सीन के अपने दोनों डोज ले लिया था। उन्होंने बताया कि पहली बार जब संक्रमित हुए थे तो स्थिति ज्यादा खराब थी। ऑक्सीजन लेवल 85 तक गिर गया था। इलाज के बाद भी शरीर में कमजोरी थी। खून में प्लेटलेट और हिमोग्लोबिन कम हो गया था। लंबे समय तक शरीर में कमजोरी बनी हुई थी पूरी तरह से रिकवर होने में लगभग एक से डेढ़ माह का समय लग गया था। वहीं इस बार 11 अप्रैल की रात हरारत व बुखार आने पर उन्होंने 12 अप्रैल को जांच करवाई। जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वे कहते हैं रिपोर्ट मिलने के बाद मैंने अपने आप को आईसोलेट कर इलाज लेना शुरू कर दिया। बुखार तो 12 अप्रैल को ही जा चुका था। घर में दवाइयां लेने लगा। इस दौरान ऑक्सीजन लेवल पूरी तरीके से नॉर्मल था। मेरा मानना है कि वैक्सीनेशन ने मुझे वायरस के विरुद्ध एक मजबूत इम्यूनिटी प्रदान की है, क्योंकि इस बार संक्रमित होने पर न तो कमजोरी आई या किसी और प्रकार के लक्षण नही उभरे। मुंह में स्वाद थोड़ा कम हुआ था लेकिन एक दो दिन में वो भी वापस आ गया था। गंध भी पूरी तरह से पता चल रहा था। चार-पांच दिनों में बिल्कुल नॉर्मल हो गया था तथा 17 दिन की आइसोलेशन के बाद वापस काम में आ चुका हूं । इस दौरान मुझे किसी और प्रकार के टेस्ट करवाने की जरूरत महसूस नहीं हुई। अभी मैं बिल्कुल स्वस्थ हूं।
उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि आज कोरोना संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन सबसे बड़ा हथियार है यह न केवल संक्रमण के गंभीर दुष्परिणामों से बचाता है बल्कि आप अगर संक्रमित होते भी हैं तो आपके शरीर में वायरल लोड इतना कम होता है कि आप में गंभीर लक्षण नहीं उभरते तथा किसी प्रकार की कोई और परेशानी नहीं होती अत: सभी को यह वैक्सीन लगवानी चाहिए इसमें किसी प्रकार का संशय या भ्रम नहीं रखना चाहिए।