बिलासपुर । जनसंघ के संस्थापक सदस्य वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान का 94 साल की उम्र में सीपत रोड़ के प्रथम हॉस्पिटल में मंगलवार की रात निधन हो गया।बताया जाता है कि टीकाकरण के बाद तबियत बिगडऩे पर उन्हें भर्ती कराया गया था, वे निमोनिया से पीडि़त थे।
बेलतरा विधानसभा के पूर्व विधायक और दोबारा छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे बद्रीधर दीवान भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता थे। उनजनसंघ के समय से पार्टी से जुड़े दीवानजी को बाबूजी के नाम से चर्चित रहे। उन्होंने जनसंघ के नेता कुशाभाऊ ठाकरे, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी,पूर्व उपप्रधान मंत्री लालकृष्ण आडवाणी और लखीराम अग्रवाल के साथ राजनीति की।
जब मोदी रिक्शे से घर मनाने पहुचे
बताया जाता हैंकि एक बार किसी बात को लेकर मतभेद हो गया। तब आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिक्शे से उन्हें मनाने उनके घर जुनाबिलासपुर कि़लावर्ड आये थे।
दबंग नेता रहे
पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान जनसंघ के इतने दबंग नेता रहे, की एक बार जरहागाव मे राजमाता सिंधिया का कार्यक्रम था। हो हंगामा और विरोध हुआ कार्यक्रम में बाधा आई। पूर्व डिप्टी स्पीकर बिलासपुर से जरहागाव पहुचे और विरोध करने वालो को हड़का उनकी सभा कराई।
इन पदों पर रहे
श्री दीवान मध्यप्रदेश शासन में पटवा शासनकाल में मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगमनके चेयरमेन, जिलाध्यक्ष, 2 बार छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष, सीएसआईडीसी के चेयरमेन रहे।
साइकिल से करते थे दौरा
श्री दीवान जनसंघ के जमाने से संगठन के लिए काम करते रहे। वे साइकल से पूरे क्षेत्र का दौरा करते और चना-मुर्रा खाकर काम करने वाले नेता थे।
अपूरणीय क्षति-गुम्बर
उनके करीबी और बेलतरा विधानसभा से चुनाव के दौरान उनके चुनाव की कमान संभालने वाले चुनाव संचालक वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेंद्र गुम्बर ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया। उन्होंने श्री दीवान के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि जनसंघ और भाजपा के आधार स्तम्भ चले गए।
राजनीतिक विरासत को नही दी गयी टिकट
उन्होंने अपने पुत्र विजयधर दीवान को अपना प्रतिनिधि बना अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में उन्होंने खुद को आसक्त बता बेलतरा विधानसभा से अपने पुत्र का नाम आगे बढ़ाया परन्तु पार्टी नेताओं ने उनकी मांग को ठुकरा उनके पुत्र को टिकट नही दी।
अंतिम दर्शन
पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष का पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए पण्डित देवकीनंदन सभा कक्ष ले जाने निर्णय लिया गया। जहां कुछ देर उनकी मृत देह वहां दर्शन के लिए रखी जायेगी।