लंदन । भारत और ब्राजील की सरकारों ने कोरोना को लेकर दी गई वैज्ञानिकों की सलाह नहीं मानी इसकारण इन दोनों देशों में कोरोना की दूसरी लहर भयावह हो गई। अगर वैज्ञानिकों की सलाह मानी गई होती,तब कोरोना की खतरनाक दूसरी लहर को नियंत्रित करना आसान होता। प्रसिद्ध साइंस जर्नल नेचर में रिपोर्ट आई है कि भारत और ब्राजील की सरकार ने साइंटिस्ट्स की सलाह न मानकर कोरोना नियंत्रण का अच्छा मौका खो दिया।
पिछले हफ्ते भारत में कोविड-19 की वजह से 4 लाख से ज्यादा लोग एक दिन में संक्रमित हुए। वहीं 3500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। ये आंकड़े इतने भयावह थे कि दुनियाभर से भारत की मदद के लिए कई देश आगे आए। उन्होंने ऑक्सीजन, वेंटिलेटर्स और आईसीयू बेड्स व अन्य जरूरी वस्तुओं की सप्लाई की। रिपोर्ट के मुताबिक भारत और ब्राजील करीब 15 हजार किलोमीटर दूर हैं लेकिन दोनों में कोरोना को लेकर एक ही समस्या है। दोनों देशों के नेताओं ने वैज्ञानिकों की सलाह या तो मानी नहीं या फिर उसपर देरी से अमल किया। जिसकी वजह से दोनों देशों में हजारों लोगों की असामयिक मौत हो गई।
वहीं भारत में सरकार ने वैज्ञानिकों की सलाह पर समय पर एक्शन नहीं लिया, जिसकी वजह से देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े और हजारों लोगों की जान चली गई। देश में हजारों की तादात में लोग चुनावी और धार्मिक आयोजनों में शामिल हुए।ठीक इसी तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपने वैज्ञानिकों की बात नहीं मानी थी। जिसकी वजह से अमेरिका में 5.70 लाख लोगों की मौत हुई थी। दुनिया में कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा मौतें अमेरिका में ही हुई हैं।