भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि इस कोरोना महामारी ने प्रदेश के सभी 52 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है, प्रदेश का कोई ऐसा कोई हिस्सा नहीं है जो इस कोरोना संक्रमण से अछूता हो। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ अब बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र भी इसकी चपेट में आते जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति बेहद भयावह होती जा रही है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है , डॉक्टर्स की कमी है। जब शहरी क्षेत्रों में ही आज लोगों को बेहतर इलाज ,बेड ,अस्पताल ,ऑक्सीजन, वेंटिलेटर ,जीवन रक्षक दवाइयां व इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति ख़ुद समझी जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग व जांच के अभाव में भी स्थिति भयावह होती जा रही है। टेस्टिंग-जांच की कमी व लोगों में जागरूकता की कमी से ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण के आंकड़े बड़ी संख्या में बढ़ते जा रहे हैं। सरकार को तत्काल आवश्यक कदम उठाते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
वहाँ टेस्टिंग व जांच का दायरा बढ़ाना चाहिए ,स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए , प्रतिबंधों को बढ़ाना चाहिए , पर्याप्त कोविड सेंटर खोलना चाहिये , जागरूकता के अभियान चलाना चाहिये। ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग व इलाज के अभाव में बड़ी संख्या में लोग दम तोड़ रहे हैं। कमलनाथ ने कहा कि दूसरी तरफ शिवराज सरकार अपनी असफलता उजागर नहीं हो ,इसलिए कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़ों को निरंतर दबाने का व छुपाने का काम कर रही है।जबकि वास्तविक आंकड़ों की सच्चाई प्रतिदिन मुक्तिधाम व कब्रिस्तान में आ रहे शवों के माध्यम से प्रतिदिन जनता के सामने आ रही है। सरकार मौतों के वास्तविक आंकड़ों को छिपाकर झूठे रिकवरी रेट व पॉजिटिव रेट के आंकड़े प्रदेश की जनता को परोस कर जनता को गुमराह करने में लगी हुई है।