न्यूयार्क । भारत कोरोना वायरस के दंश से जूझ रहा है। हर दिन 3.50 लाख से ज्यादा मरीज मिल रहे और 3 हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाइयों का संकट गहराता जा रहा है। ऐसे कठिन समय में जब लोगों की उम्मीदें टूटने लगी हैं तो अमेरिका के हार्वर्ड स्कूल और पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर डॉ. जेसी बम्प ने नई जान फूंंकने की कोशिश की है। भारत का गौरवशाली इतिहास पूरी दुनिया से साझा किया है। बताया कि कैसे भारत ने हमेशा से तमाम तकलीफों को सहते हुए भी पूरी दुनिया की मदद की। प्रो. जेसी बम्प ने कहा, वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार में हमेशा से साउथ एशियन देशों खासतौर पर भारत की अहम भूमिका रही है। हम सभी इसे स्वीकार करते हैं और इसका सम्मान करते हैं। आज से करीब 219 साल पहले पूरी दुनिया चेचक (स्मॉलपॉक्स) की चपेट में आ गई थी। ये उस वक्त नई बीमारी थी और इसके चलते 3 से 5 करोड़ लोगों की मौत हो गई। ऐसे समय ब्रिटिश सरकार ने भारतीय लोगों पर जबरन वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल किया। भले ही इसका फायदा पूरी दुनिया को हुआ, लेकिन असहाय भारतीयों के उत्पीडऩ के बल पर। शुरुआती दिनों में इस तरह के लगभग हर अभियान भारत में ही चलाए गए।