कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। कोरोना संक्रमित मरीजों के उचित उपचार और उनके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का त्वरित निराकरण करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा लोगों से कोरोना जांच के समय सही पता और मोबाइल नंबर बताने की अपील की जा रही है। कोरोना संक्रमण के जांच के दौरान अपना सही पता और मोबाईल नम्बर दर्ज कराने से कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव मिलते ही मरीज को बेहतर इलाज की सुविधा मिलती है। डाॅक्टर किसी भी समय मरीज से संपर्क करके उनके स्वास्थ्य के बारे में हालचाल जान सकते हैं। सही पता और मोबाइल नम्बर से कोरोना संक्रमित की पहचान करना स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के लिये आसान होता है और इससे संक्रमित मरीज के घर तत्काल पहुंच कर उसे जरूरी इलाज की सुविधा समय पर उपलब्ध करायी जाती है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज, उनके परिजनों की सुरक्षा के साथ-साथ अन्य दूसरे लोगों को संक्रमण से बचाने के लिये प्रशासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों में सहयोग करने की अपील लोगों से की है। श्रीमती कौशल ने लोगों से यह भी अपील की है कि कोरोना जांच के लिये अपना सैम्पल देने के दौरान उपस्थित स्वास्थ्य कर्मी को स्वयं के बारें में पूरी जानकारी सही-सही दें। अपना नाम, पूरा पता, घर के आसपास का कोई पहचान चिन्ह या माइलस्टोन, खुद का सही मोबाइल नम्बर ही जांच रजिस्टर में दर्ज करायें ताकि पाॅजिटिव रिपोर्ट आने पर मरीज को इलाज के लिये समय पर सम्पर्क कर बेहतर सुविधा उपलब्ध करायी जा सके।
जिले में कोरोना जांच की पाॅजिटिव मिली रिपोर्टाें में से कुछ संक्रमितों के पते पूरे नहीं होने या सही नहीं होने के कारण उन तक स्वास्थ्य कर्मी को पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही मरीजों के मोबाइल नम्बर गलत होने के कारण उनसे सम्पर्क नहीं हो पाता है। ऐसी परिस्थितियों में कोरोना संक्रमित मरीज को समय पर अनुशंसित इलाज नहीं मिल पाता है जो स्वयं उसकी जान के लिये खतरनाक है। इसके साथ ही गलत या अधूरे पते या गलत मोबाइल नम्बर के कारण संक्रमित से सम्पर्क नहीं होने से उसे कोविड अस्पताल तक लाने में भी असुविधा और देरी होती है जिससे मरीज के खुद के परिजन, बच्चों और आसपास के लोगों के भी संक्रमित होने का डर भी बना रहता है। देर से इलाज मिलने पर मरीज खुद भी गंभीर अवस्था में पहुंच सकता है और बीमारी के कारण उसकी जान भी जा सकती है। स्वयं को जल्द से जल्द बेहतर इलाज से कोरोना से मुक्त करने, अपने और अपने आसपास के लोगों को संक्रमित होने से बचाने के लिये जांच कराने के समय लोगों को अपने सही और पूरे पते तथा सही मोबाइल नम्बर स्वास्थ्य कर्मियों को नोट कराना चाहिये। मरीज का रिपोर्ट पाॅजिटिव मिलने पर समय रहते इलाज की बेहतर सुविधा मिल जाती है और अन्य लोगों को भी संक्रमित होने से बचाने में सहायक साबित होता है।