कोरबा कोविड-19 अस्पताल में मां की अंतिम सांसें लेने की सूचना मिलने पर व्याकुल बेटा पीपीई किट पहनकर अस्पताल के अंदर घुस गया। वह आइसीयू रूम तक पहुंचने में सफल रहा। वहां अपनी मां के अंतिम दर्शन करने के साथ गंगाजल पिलाने के बाद वापस लौट रहा था। संदेह होने पर अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने रोककर पूछताछ की, तब यह मामला सामने आया। दो दिन बाद उसकी मां की मौत हो गई। यह मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का है।
शहर के एक शख्स की 70 वर्षीय बुजुर्ग मां को संक्रमित होने के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। तबियत बिगड़ने पर आइसीयू वार्ड के वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। अस्पताल के कंट्रोल रूम में उसका बेटा सुबह-शाम मां के स्वास्थ्य की जानकारी लिया करता था। जैसे ही उसे पता चला कि स्थिति बेहद नाजुक है वह व्याकुल हो उठा। वह जानता था कि निधन के बाद उसे शव नहीं सौंपा जाएगा। लिहाजा बाजार से वह पीपीई किट खरीदा और उसे पहनकर आधी रात अस्पताल में घुस गया। मुख्य द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने पैरामेडिकल स्टाफ समझकर उसे नहीं रोका और वह आइसीयू में पहुंचने में सफल रहा, जहां अपनी मां को गंगाजल पिलाने के बाद चरणस्पर्श कर बाहर निकल आया। इस बीच सुरक्षाकर्मियों को संदेह होने पर उसे रोका तब तक प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंच गए। पूछताछ करने पर उसने हकीकत बयान कर दी।
इस मामले में एफआइआर किए जाने की मंशा अधिकारियों ने बनाई पर सुबह होते तक उसकी मां की मौत हो गई। कोविड अस्पताल प्रभारी डा. एल.एस. ध्रुव ने बताया कि मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने चेतावनी देते हुए उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
*सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल
इस घटना से अस्पताल प्रबंधन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। हर आने-जाने वाले पैरामेडिकल स्टाफ की एंट्री रजिस्टर में की जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि कोई भी पीपीई किट पहनकर अस्पताल की आइसीयू (अति संवेदनशील) तक कैसे पहुंच सकता है। अस्पताल की सुरक्षा पर लगी इस सेंध से प्रशासनिक लापरवाही सामने आ गई है।