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पूर्व मंत्री विधायक पीसी शर्मा का “विनम्र आग्रह उपवास” समाप्त

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भोपाल  । पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा ने अपने 21 घंटे से जारी “विनम्र आग्रह उपवास” को जूस पीकर समाप्त कर दिया है। मीडिया से चर्चा करते हुए विधायक शर्मा ने कहा कि मप्र हाईकोर्ट में कोरोना के उपचार को लेकर उनकी ओर से दायर की गई याचिका में माननीय हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिये है जिनमें फैसले के अहम बिन्दु-

-हाईकोर्ट की डबल बेंच ने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा है कि कोरोना की स्थिति भयावह, हम मूकदर्शक बनकर नही रह सकते।

-जरुरतमंद मरीज को 1 घंटे के अंदर रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराये जाये।

– मरीज को 36 घंटे में आरटीपीसीआर की रिपोर्ट दी जाए।

– कोरोना का फैलाव रोकने प्रदेश में कोरोना की जांच बढाई जाए।

-निजी अस्पतालों में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन व आकसीजन की उपलब्धता कलेक्टर व सीएमएचओ सुनिश्त कराएं।

-हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को दखल देने का आदेश दिया है और ये सुनिश्चित करने को कहा है कि अस्पतालों में आक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी न होने पाए।

-इलाज के दौरान निजी अस्पताल मरीजों से मनमानी वसूली न कर पाएं। इसके लिए सरकार इलाज की दर फिक्स करें।

-केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वो उद्योगों को दी जाने वाली आक्सीजन अस्पतालों में पहुंचाएं।

मध्यम वर्ग, निम्न मध्यमवर्ग, गरीब और बीपीएल श्रेणी के लोगों के लिए भी पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन रेमडेसिविर और अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।

पत्रकारों से चर्चा करते हुए विधायक शर्मा ने कहा कि उनकी मांग “न 45 न 60 सबको वैक्सीन लगे आज”  पर केन्द्र सरकार 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को वैक्सीन लगाने जा रही है वे लगातार इस मांग को उठाते रहे है सरकार ने इस पर देर से ही सही लेकिन उनकी मांग पर यह फैसला लिया।

शर्मा ने कहा कि राज्य की शिवराज सरकार सैन्य अधिकारियों से कोरोना पर चर्चा छोडकर, कोरोना से संबंधित सभी व्यवस्थाएं सेना को सौंपे।

व्यवस्थाएं नही सुधरी तो लगायेंगे कोर्ट की अवमानना का केस-

पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा ने चेतावनी दी है उनकी याचिका पर माननीय हाईकोर्ट ने सरकार को जिन बिंदुओं पर आदेशित किया है वे व्यवस्थाएं 6 मई के पहले नही की जाती है तो वे 10 मई को राज्य सरकार की सुनवाई के दौरान कंटेम आफ कोर्ट दर्ज करायेंगे।

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा सरकार से हाथ जोडकर विनम्र आग्रह है –

-कोरोना मरीजों का सभी शासकीय एवं प्रायवेट अस्पतालों में इलाज पूर्णत: नि:शुल्क हो और इलाज से संबंधित सभी जांचे निशुल्क हो।

-आरटीपीसीआर जांच पूर्णत:  नि:शुल्क हो। वैक्सीन नि:शुल्क लगे। इलाज की पूरी व्यवस्था सरकार के द्वारा की जाये।

-जीवन रक्षक रेमडेसिवर इंजेक्शन, आक्सीजन और आक्सीजन बेड की पर्याप्त व्यवस्था हो और जरुरतमंद मरीजों को अस्पतालों में मिले

-सरकार निर्धन/गरीब/असहाय को 10-10 हजार की राशि सीधे उनके खाते में डाले

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