भोपाल । प्रदेश में जिस तरह से कोरोना वायरस के मामले बढते जा रहे हैं, उसको देखते हुए सरकार को अनुमान है कि अगले बीस दिनों में अस्पतालों को 400 टन से ज्यादा आक्सीजन की जरुरत पड सकती है। मध्य प्रदेश को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन उपलब्ध कराने वाली कंपनी आइनाक्स ने 250 टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ली है। वहीं भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) से 100 टन आक्सीजन मिलने की संभावना है। मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ रही है। आठ दिन पहले जितनी ऑक्सीजन (60 टन रोज) की जरूरत पूरे प्रदेश को पड़ रही थी, उतनी तो अब सिर्फ इंदौर को ही चाहिए।महज चार दिन में प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग 60 टन से 180 टन तक पहुंच गई। इस स्थिति ने सरकार को व्यापक इंतजाम करने पर मजबूर कर दिया। सरकार ने गुजरात, उत्तर प्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ की आक्सीजन उत्पादक कंपनियों से भी बात की है। इनमें से अभी 170 टन आक्सीजन उपलब्ध करा रही आइनाक्स ने 250 टन तक का इंतजाम करने का भरोसा दिलाया है। सरकार का दावा है सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं है, पर निजी अस्पतालों में हायतौबा मची है।राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम प्रदेशभर में ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति पर निगाह रखने और जरूरत की आक्सीजन अस्पतालों को उपलब्ध कराने के लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कारपोरेशन में काम करेगा। यहां अस्पताल सीधे संपर्क कर सकेंगे। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान प्रदेश में 180 टन आक्सीजन आइनाक्स, 60 टन बीएसपी से मिल रही है। इसके अलावा एयर सेपरेशन से भी आक्सीजन मिल रही है। 40 से 80 टन की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। आक्सीजन की कोई कमी नहीं है।