Home छत्तीसगढ़ बालको की ‘आरोग्य परियोजना’ से 22000 जरूरतमंदों को मिली प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं

बालको की ‘आरोग्य परियोजना’ से 22000 जरूरतमंदों को मिली प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं

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कोरबा कोरबा में देश की प्रमुख एल्यूमिनियम उत्पादक भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) द्वारा संचालित वेदांता ग्रामीण चिकित्सालय कोविड-19 सहित अनेक बीमारियों की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैं। सामुदायिक विकास परियोजना ‘आरोग्य’ के अंतर्गत ग्राम चुईया और परसाभाठा में स्थापित चिकित्सालयों के जरिए संयंत्र के आसपास स्थित ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को कोविड-19 के प्रति जागरूक बनाया जा रहा है। इसके साथ ही इन केंद्रों के जरिए जरूरतमंदों को निःशुल्क दवाइयां और चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परामर्श दिए जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में ‘आरोग्य परियोजना’ के जरिए लगभग 22000 ग्रामीणों को विभिन्न प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं दी गईं।

     वेदांता के द्वारा ग्रामीण चिकित्सालयों की स्थापना का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक स्वास्थ्य जागरूकता का प्रसार करना है। अपने इस अभियान में बालको शत-प्रतिशत सफल रहा है। वेदांता ग्रामीण चिकित्सालय आसपास के लगभग 60 हजार नागरिकों के जीवन में उम्मीद की नई रौशनी के रूप में सामने आए हैं। इस केंद्र की स्थापना की बड़ी उपलब्धि यह रही कि अब ग्रामीणों को काफी हद तक झोला छाप नीम-हकीमों से मुक्ति मिल गई है। महत्वपूर्ण यह भी है कि ये चिकित्सालय कोविड-19 के प्रति जागरूकता एवं उसकी रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ग्रामीणों को पाम्फलेट के जरिए घर-घर जाकर सोशल डिस्टेंसिंग, बार-बार हाथ धोने के महत्व, सैनिटाइजर के प्रयोग आदि से परिचित कराया जा रहा है।

   चिकित्सालयों की स्थापना से ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार के लिए बालको, कोरबा जैसे शहरी इलाकों में नहीं जाना पड़ता। उन्हें असुविधा से निजात तो मिली ही, समय की भी बचत होती है। मातृ-शिशु स्वास्थ्य संरक्षण के लिए टीकाकरण जैसे राष्ट्रीय अभियान के संचालन में भी काफी सुविधा हो गई है। वेदांत ग्रामीण चिकित्सालयों में बालको के चिकित्सकों द्वारा ग्रामीणों का उपचार किया जाता है। चिकित्सालयों में प्राथमिक उपचार के साथ ही तपेदिक एवं एच.आई.व्ही. एड्स के प्रति जागरूकता कार्यक्रम जिला स्वास्थ्य विभाग के समन्वयन में संचालित किए जाते हैं। चिकित्सालयों में मलेरिया की जांच के लिए लैब स्थापित हैं।

   बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशकअभिजीत पति कहते हैं कि कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय पर यह जरूरी है कि नागरिक स्वयं एवं परिवारजनों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कोरोना वाइरस के बढ़ते प्रभावों को देखते हुए यह जरूरी है कि इसकी रोकथाम की दिशा में हम सभी पहले से अधिक एकजुट हों। बालको ने सामुदायिक स्वास्थ्य के जिन लक्ष्यों को ध्यान में रखकर ‘परियोजना आरोग्य’ का क्रियान्वयन किया है उस दिशा में प्रबंधन को बड़ी सफलता मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य बीमारियों की रोकथाम और साफ-सफाई के प्रति नागरिकों में जागरूकता आई है। वेदांता ग्रामीण चिकित्सालयों में अब कोरोना वाइरस से बचाव संबंधी जानकारियां दी जा रही हैं जिससे ग्रामीणों को लाभ मिल रहा है। समय-समय उन्हें मास्क वितरित किए जा रहे हैं। श्री पति ने यह भी कहा है कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए बालको प्रबंधन ग्रामीणों की हरसंभव मदद के लिए तत्पर है।

     ग्राम चुईया के सरपंच शिवराज सिंह बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता की दिशा में बालको प्रशंसनीय योगदान दे रहा है। वर्तमान में ग्रामीणों को केंद्र के जरिए कोविड-19 से बचाव संबंधी मदद मिल रही है। इसके अलावा चलित चिकित्सा शिविर, मौसमी बीमारियों से बचाव और जागरूकता शिविर आदि के माध्यम से ग्रामीणों के स्वास्थ्य का भरपूर ध्यान रखा जाता है।

   ग्राम चुईया की श्रीमती अंजलि मरकाम और श्रीमती पीला बाई सहित अनेक ग्रामीणों को कहना है कि वेदांत ग्रामीण चिकित्सालय के जरिए उन्हें सभी आवश्यक दवाइयां मिल जाती हैं। गांव में ही केंद्र खुलने से ज्यादातर ग्रामीणों को आवागमन के साधनों का इंतजार नहीं करना पड़ता। अब वे पैदल ही उपचार के लिए पहुंचते हैं। बच्चों और गर्भवती माताओं का समय पर टीकाकरण हो जाता है। बालको के चिकित्सकों से स्वास्थ्य की देखभाल संबंधी परामर्श भी निःशुल्क मिलता है।

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