भोपाल । दमोह विधानसभा उपचुनाव में तरह तरह के रंग नजर आ रहे हैं। 17 अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले यहां भाजपा हो या कांग्रेस या फिर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव प्रचार में पूरा जोर लगा रहे हैं। यहां वैसे तो मुकाबला मुख्य रुप से भाजपा और कांग्रेस के बीच है लेकिन भाजपा प्रत्याशी के चचेरे भाई ने निर्दलीय मैदान में उतरकर चुनाव को रोचक बना दिया है। निर्दलीय उम्मीदवार वैभव सिंह चप्पलों की माला पहनकर अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं जो चर्चाओं का विषय बना हुआ है।
दमोह विधानसभा उपचुनाव में एक तरह जहां भाजपा ने राहुल लोधी को मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने मुकेश टंडन को अपना उम्मीदवार चुना है। लेकिन इसी बीच निर्दलीय तौर पर चुनावी मैदान में ताल ठोकने वाले भाजपा प्रत्याशी राहुल लोधी के चचेरे भाई वैभव सिंह अपने अनूठे चुनाव प्रचार के लिए सुर्खियां बटोर रहे हैं। दरअसल वैभव सिंह अपने चचेरे भाई और भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह व अन्य चुनावी प्रतिद्वंदियों को हराने के लिए गले में चप्पलों की माला पहनकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। गले में चप्पलों की माला पहने जैसे ही वैभव सिंह लोगों के बीच वोट मांगने के लिए पहुंचते हैं तो शुरु में तो लोग हैरान रह जाते हैं और फिर अपनी हंसी छिपाते नजर आते हैं।
चप्पलों की माला पहनने का कारण
निर्दलीय प्रत्याशी वैभव सिंह के चप्पलों की माला पहनने के पीछे में भी एक बड़ा कारण है। दरअसल चुनाव आयोग की तरफ से उन्हें चप्पल चुनाव चिन्ह आवंटित हुआ है और अब वो अपने चुनाव चिन्ह यानि चप्पल की ही माला पहनकर जनता के बीच जाते हैं। जूते-चप्पलों की माला पहनने वाले निर्दलीय प्रत्याशी वैभव सिंह अपने अनूठे चुनाव प्रचार के कारण क्षेत्र में सुर्खियां तो बटोर ही रहे हैं साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से भी अनूठी मांग की है।
चुनाव आयोग से वैभव सिंह की मांग
निर्दलीय प्रत्याशी वैभव सिंह ने चुनाव आयोग से मांग की है कि 17 अप्रैल को होने वाली वोटिंग के दिन मतदान केन्द्र से 100 मीटर की दूरी तक कोई भी व्यक्ति चुनाव चिन्ह के प्रतीकों का उपयोग न करे क्योंकि इससे चुनाव प्रभावित हो सकता है। क्योंकि उपचुनाव में जूता चप्पल भी चुनाव चिन्ह के तौर पर वितरित किए गए हैं इसलिए उनकी मांग है कि वोटिंग के दौरान कोई भी व्यक्ति जूते व चप्पल न पहने हो। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि क्योंकि गर्मी का मौसम है इसलिए मतदाताओं वो पोलिंग कराने आने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को पैरों की जलन से बचाने के लिए मतदान के समय रेड कारपेट बिछाया जाए और गर्मी से बचने के लिए टेंट की व्यवस्था भी की जाए।