Home देश इटली मरीन मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई...

इटली मरीन मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई बंद करने की मांग की

13
0

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने  केरल में इटली के मरीन द्वारा दो मछुआरों की हत्या के मामले  में सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई बंद करने की मांग की है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में आदेश का पालन हो चुका है। मामला भारत और इटली के बीच बचा है, लिहाजा लंबित याचिका का निपटारा कर दिया जाए। इस पर प्रधान न्यायाधीश  एसए बोबडे ने कहा कि अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे। मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि अदालत के आदेश के मुताबिक पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जा चुका है। इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले की सुनवाई को बंद करने का अनुरोध किया था।

केंद्र सरकार ने अदालत से कहा है कि भारत ने समुद्री कानूनों पर  संयुक्त राष्ट्र संघ की संधि के अनुसार किये फैसले को मान्य किया है क्योंकि इसके बाद कोई अपील नहीं हो सकती और ये अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता नियमों के मुताबिक बाध्यकारी है, लिहाजा अदालत इस मामले में लंबित सुनवाई को बंद कर दे। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में सरकार को संयुक्त राष्ट्र संघ के फैसले को रिकॉर्ड पर रखने को कहा था। केंद्र सरकार ने उसके फैसले को दाखिल करते हुए कहा कि अदालत को केस का निपटारा कर देना चाहिए।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ही दोनों मेरीन को शर्तों के आधार पर इटली जाने की इजाजत दी थी। संयुक्त राष्ट्र संघ ट्रायब्यूनल ने इटली के दोनों नाविकों के हिरासत में रखने के लिए भारत से मुआवज़े की मांग को खारिज कर दिया लेकिन ये माना कि इन नाविकों को देश के लिए काम करने के कारण भारतीय अदालतों की कार्रवाई से ‘इम्युनिटी’ थी, लेकिन भारत को जान-माल के नुकसान के लिए हर्जाना बनता है। ट्रायब्यूनल ने कहा कि भारत और इटली आपस में विचार कर हर्जाने की रकम तय कर सकते हैं। यह मामला वर्ष 2012 का है जब इटालियन नाविक सैलवाटोर गिरोन और मैसीमिलानो लैटोरे पर केरल के पास समुद्र में दो भारतीय मछुआरों को गोली मारने का आरोप लगा था। इस मामले में सबसे बड़ा सवाल अधिकार क्षेत्र का था। इटली का कहना था कि ये घटना भारत की समुद्री सीमा के बाहर घटी लेकिन भारत ने इस पर सवाल उठाए। भारत ने ये भी कहा कि क्योंकि मारे गए मछुआरे भारतीय थे तो मामले को भारतीय कानूनों के तहत निबटा जाना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here