मध्य प्रदेश में कोरोना पर अब कंट्रोल नहीं है। हर दिन नए केस बढ़ रहे हैं। प्रदेश में 48% केस सिर्फ तीन शहर इंदौर, भोपाल व जबलपुर में मिल रहे हैं। जिस गति से संक्रमण फैल रहा है,आने वाले दिनों में स्वास्थ्य सेवाएं भी कम पड़ सकती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार सुबह इसके संकेत दे दिए थे। उन्होंने कहा कि अप्रैल गंभीर संकट का महीना है। हालांकि सरकार ने अस्तपालों में इंतजाम बढ़ाने पर फोकस किया है।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि नेशनल हेल्थ मिशन के माध्यम से 2 माह के लिए हेल्थ वर्कर्स कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जाएंगे। यह अवधि को आवश्यकतानुसार बढ़ाई भी जा सकती है। प्रदेश में 720 फीवर क्लीनिक खोले गए हैं। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में बेड की फिलहाल कोई कमी नहीं है। सरकारी अस्पतालों में 13 हजार बेड हैं, इसमें से 40% उपयोग हो रहा है। इसी तरह प्राइवेट अस्पतालों 12,068 बेड में से 50% भरे हैं।
सुलेमान ने बताया कि कोरोना की पहली लहर में 25% मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी थी, लेकिन अब यह आंकड़ा 28% तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि भोपाल, इंदौर और जबलपुर में संक्रमण दर कम नहीं हो रही है। भोपाल में यह 20% है, जबकि इंदौर में 15% और जबलपुर में 12% है। प्रदेश में कुल 48% केस इन तीनों शहरों में हैं।
इधर तेजी से फैल रहे संक्रमण को रोकने के लिए शिवराज सरकार ने जागरूकता का सहारा लिया है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी ऐसी है जो सरकार के प्रयासों से नियंत्रण में नहीं आ सकती। संक्रमण बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में बिस्तर आदि की व्यवस्थाएं सरकार कर रही है, लेकिन लोगों को जागरूक रहने की आवश्यकता है।