भोपाल । प्रदेश के स्वास्थ्य संचालनालय ने अब रोजाना जांच का लक्ष्य भी बढ़ा दिया है। प्रदेश में अब रोजाना 30 हजार लोगों की जांच की जाएगी। वहीं भोपाल में अब हर दिन 4500 सैंपल की जांच की जाएगी। स्वास्थ्य संचालनालय ने इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर और सीएमएचओ को पत्र लिखकर निर्देशित किया है। इसमें यह भी कहा गया है कि 70 फीसद जांच आरटी-पीसीआर तकनीक से और 30 फीसद जांच रैपिड एंटीजन किट से की जाएगी। बता दें कि हर दिन 30000 जांचें करने का लक्ष्य है, लेकिन अधिकतम 28000 जांच ही हो पा रही है। इसकी बड़ी वजह यह है कि जांच कराने के लिए लोग खुद आगे नहीं आ रहे हैं। उधर स्वास्थ्य विभाग ने भी संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान कर उनकी जांच कराने की व्यवस्था बंद कर दी है।स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जांच का लक्ष्य संक्रमण दर के लिहाज से तय किया जाता है। जैसे जैसे संक्रमण दर बढ़ती है, उसी लिहाज से सैंपल की संख्या भी बढ़ाई जाती है। कोरोना मरीजों की पहचान करने के लिए भोपाल में रविवार से औचक सैंपलिंग भी शुरू की गई है। पुलिस की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग की टीम सड़क पर लोगों को रोककर उनके सैंपल लेकर आरटी-पीसीआर की जांच के लिए भेज रही है। संक्रमितों की पहचान जल्दी हो सकेगी। इसका फायदा यह होगा कि उनकी बीमारी जल्दी पकड़ में आ जाएगी और उनकी हालत गंभीर होने के पहले ही इलाज शुरू हो जाएगा। दूसरा फायदा यह होगा कि संक्रमितों की जल्दी पहचान होने से दूसरों को संक्रमित करने के पहले ही उन्हें आइसोलेट किया जा सकेगा। इससे कोरोना का संक्रमण फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।