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खुले में शौच के लिए मजबूर सुपकालोवासी,सरपंच सचिव की उदासीनता और भ्रष्टाचार का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।

धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत सुपकालो में इन दिनों सामुदायिक शौचालय की नींव रखी जा रही है। ताकि आने वाले समय में शौच मुक्त भारत का अभियान पूरा किया जा सके। लेकिन विडम्बना देखिए ग्राम पंचायत सुपकालो के ग्रामीणों के यहां शौचालय नहीं है। और जो शौचालय बनाये भी गये उन शौचालयों में ना तो छत डाली गई और ना ही सीट बैठाया गया महज नक्शा बनाकर छोड़ दिया गया। वहीं ओडीएफ की सूची में शामिल इस ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव पर ही शौचालय की राशि डकारने का आरोप लगाया जा रहा है जो सम्भवत: सही है। इस मामले में ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व सरपंच और सचिव शौचालय के नाम पर पूरी राशि का बंदरबांट करके हजम कर गये वहीं वर्तमान सरपंच सचिव की कार्यशैली पर भी ग्रामीणों ने सवाल उठाते हुए बताया कि पंचायत का विकास कार्य पूरी तरह ठप्प है। सरपंच सचिव कोरोनाकाल में मूलभूत राशि से मास्क सेनेटाइजर बांटने के नाम पर लाखों रूपये आहरण किये गये लेकिन पंचायत में महज ओपचारिकता ही निभाई गई। इसके अलावा ग्रामीणों ने बताया की गांव के आधे से ज्यादा आबादी खुले में शौच करने जाते हंै। जबकि ग्राम पंचायत को ओडीएफ का दर्जा हासिल है। साथ ही मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में खून पसीना बहाने के वावजूद मजदूरी नहीं मिलना ग्रामीणों के साथ नाराजगी को साफ जाहिर करती है। बताना होगा कि 8 ग्राम पंचायत सुपकालो के सरपंच और रोजगार सचिव एक ही घर के हैं। ऐसे में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जनप्रतिनिधि होने के साथ-साथ रोजगार सचिव भी पंचायत के कार्यो में अपनी उदासिनता बरतता है। जिसका खमियाजा पंचायत वासियों को भुगतना पड़ता है। ऐसे में नाराज ग्रामीणों ने उच्चस्तरीय शिकायत करने की बात कही है।

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