जोहार छत्तीसगढ़-लैलूंगा।
दहेज की मांग करने और स्त्रियों पर कू्ररता करने का सिलसिला आज भी समाज में लगातार जारी है। वहीं समाज में वाहवाही बटोरने वाले दहेज लोभियों में ना तो कानून का भय देखा जा रहा है और ना ही इस पर रोक लगाने कोई खास पहल की जा रही है। खैर इस घटना में पीडि़ता ने बताया कि उसका नाम रूकसाना पति मुस्तफ ा 20 वर्ष जाति मुसलमान हालमुकाम लिबरा थाना व तह. लैलूंगा जिला रायगढ़ की रहने वाली है। और इसका विवाह 20 मार्च 2020 को जाति धर्म और रीति रिवाज अनुसार मुस्तफ ा आव रफ ीक जाति मुसलमान निवासी बोरो थाना घरमजयगढ़ जिला रायगढ़ के साथ हुई थी। वहीं विवाह के बाद रुकसाना अपने पति,ससुर रफ ीक खान सास नसीरुन के साथ रहने लगी। साथ ही विवाह में रुकसाना के माता-पिता अपने सामर्थ के अनुसार दहेज में सोना चांदी एवं स्कूटी तथा नगद पन्द्रह हजार रूपये दिये थे। किन्तु विवाह के एक माह बाद ही उसके पति मुस्तफ ा ससुर रफ ीक एवं सास नसीरून तीनों मिलकर 1 लाख नगद एवं स्कूटी के बदले चार पहिया वाहन तथा 5 तोला सोना की मांग करने लगे और तीनों मिलकर प्रताडि़त करने लगे ऐसे में पीडि़ता सब कुछ सहती रही इसके बावजूद 1 दिन रुकसाना के पति,सास और ससुर तीनों मिलकर जहर पिलाने का प्रयास किए और लगभग 9 माह पूर्व रुकसाना के पति,सास, ससुर ने कहा कि जब तक 1 लाख रूपये एवं चार पहिया वाहन तथा 5 तोला सोना लेकर नहीं आएगी तब तक हम तुम्हें अपने घर में नहीं रखेंगे ये कहकर घर से निकाल दिया। इसके बाद रुकसान गांव में सुलतान के घर में रही और अपने पिता को इस घटना की जानकारी फ ोन पर दी। वहीं बेटी की आपबीती सुनकर पिता सलीम खान, मुमताज खान, जलील खान, महबूब खान, को लेकर पीडि़ता के ससुराल पहुंचे तो रुकसाना के पति, सास और ससुर तीनों ने मिलकर गांव वालों के सामने ये कहने लगे कि हम तुम्हारी लड़की को नहीं रखेंगे जब तक रूपया पैसा सोना एवं चार पहिया वाहन लेकर नहीं आयेगी तुम इसे यहां लेकर मत आना और अपने साथ ले जाओ वहीं पीडि़ता के पिता द्वारा कई बार निवेदन भी किया कि लड़की को रख लो समाज में मान सम्मान की बात है किन्तु दहेज के लालच में चूर ससुराल वाले नहीं माने और पीडि़ता अपने पिता के साथ मायके आ गयी और उसी समय से अपने मायके में रह रही है। ऐसे में पीडि़ता की रिपोर्ट पर लैलूंगा पुलिस ने दहेज लोभी पति मुस्तफ ा,ससुर रफीक खान एवं सास नसीरून तीनों के खिलाफ स्त्री पर कू्ररता करने आईपीसी की धारा 498,34,506 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।