रायगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
कलेक्टर भीम सिंह के निर्देशन में जिला रायगढ़ में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अन्तर्गत राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मुलन कार्यक्रम के लक्ष्य के प्राप्ति हेतु सामुहिक दवा सेवन गतिविधि के पूर्व माईक्रो फाईलेरिया रात्रि कालीन सर्वे हेतु चिन्हांकित 7 विकासखण्डों में से सारंगढ़ विकासखण्ड में 07 से 09 फरवरी 2021 को रात्रि कालीन सर्वे किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केसरी के मार्गदर्शन में जिला मुख्यालय से जिला मलेरिया अधिकारी, डॉ. टी.जी. कुलवेदी एवं जिला स्तरीय टीम के साथ खण्ड चिकित्सा अधिकारी सारंगढ़ द्वारा 09 फरवरी 2021 को औचक रात्रिकालीन निरिक्षण किया गया। जिसमें सारंगढ़ के ग्राम छिंद में किये जा रहे सर्वे के बारे मे जानकारी ली गई। सर्वे के दौरान ग्रामीण जनताओं में फाईलेरिया रोग के कारण एवं निदान के उपाय बताते हुए आम-जन को जागरूक किया गया। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. टी.जी. कुलवेदी ने आम-जन को बताया की फाईलेरिया रोग संक्रमित क्युलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है, जो मनुष्य के लसिका तन्त्र को प्रभावित करता है। फाईलेंिरया परजीवी का संक्रमित मच्छर द्वारा मनुष्य के लसिका तन्त्र में प्रवेश करने के उपरांत रक्त परिसंचरण में अवरोध उत्पन्न होने के कारण संक्रमित व्यक्ति के हाथ, पैर, स्तन, अण्डकोष प्रभावित होकर सूजन उत्पन्न एवं कुरूपता दिखाई देती है और ऐसे प्रकरण में संक्रमित व्यक्ति के पैर सूजन के पश्चात् हाथी पांव जैसा दिखाई देता है, जिस कारण उसे हाथी पांव रोग भी कहते है। फाईलेरिया रोग के परजीवी संक्रमित व्यक्ति के रक्त परिसंचरण में सामान्यत: रात्रि के समय सक्रिय होते हे और शरीर के पोषक तत्वों को आहार बनाते है जिससे संक्रमित व्यक्ति के शरीर में पोषक तत्वों के कमी हो जाती है और शरीर के प्रभावित अंग विकृत हो जाते है। जिस कारण रात्रि कालीन माईक्रो फाईलेरिया सर्वे के दौरान ही संक्रमित व्यक्ति के रक्त पट्टी संग्रहण एवं जांच उपरांत ही फाईलेरिया परजीवी दिखाई देते है। इस मौके पर फाईलेरिया रोग एवं मच्छर से बचने हेतु सामान्य उपायों को बताया गया। उक्त सर्वे में जिले के टीम ने औचक निरीक्षण किया। जिसमें निर्मल प्रसाद, गौतम प्रसाद (व्ही.बी.डी. टेक्नीकल सुपरवाईजर), प्रीती शर्मा (एफएलए) उपस्थित थे।