जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
सरकार एक तरफ पानी की किल्लत को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। तो दूसरी तरफ लोक यांत्रिक स्वास्थ्य सेवा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी पानी की समस्याओं का समाधान कई-कई महीने नहीं करते। धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ज्यादातर गांव पानी की किल्लत से परेशान हैं। लेकिन न तो सम्बंधित विभाग शिकायत करने पर कार्रवाई नहीं करता। और ना ही पंचायत के सरपंच सचिव इस पर ध्यान देते हैं ऐसा ही एक मामला धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कमोसिनडाड़ से सामने आ रहा है गांव प्रवेश के मुख्य सड़क पर स्थित इस मुहल्ले में आदिवासी महिलाओं की इस पीड़ा का उपाय न तो सचिव सरपंच कर रहे हैं न ही सम्बंधित विभाग को इसकी पड़ी हैं। यहां की महिलाओं को पानी के लिए काफ ी लंबा सफ र तय करना होता है। वही सरपंच घर के सामने से रोजाना पानी ढो कर लाती इन महिलाओं को स्वयं के मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं करा पाने वाले सरपंच सचिव की मनमानी पूरे पंचायत में हावी है। ग्रामीणों ने बताया कि इस मुहल्ले में पहले एक हैंडपंप था जिसे बदलकर बोर बना दिया गया। लेकिन बोर भी विगत महीनों से खराब है जिसकी जानकारी पंचायत के सरपंच सचिव को हैं। लेकिन स्वयं के कार्य से सरपंच को फ ुरसत नहीं है और सचिव का पंचायत में आना ना आना बराबर है। मजे की बात यह है कि इसके अलावा गांव के और भी कई ऐसे मुहल्ले हंै जो पानी की समस्या का सामना कर रहे हंै। लेकिन पंचायत इस सरपंच के अनुसार जब सचिव आएगा तब करेंगे लेकिन सचिव की उपस्थिति तो दुर्लभ मानी जाती है।