रायगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। 40 वर्ष के उम्र का एक व्यक्ति जो कि रायगढ़ शहरी क्षेत्र का रहने वाला था। वह पहले से ही सिकल सेल एनीमिया (सिकलिंन) की बीमारी से ग्रसित था। इस कारण अक्सर उसे थकान और कमजोरी महसूस होती रहती थी। बीच-बीच मे उसे खून चढ़ाने की जरूरत भी पड़ती थी। 2 अक्टूबर को उसे थकान और कमजोरी महसूस हुई, थोड़ा सा भी चलने पर उसकी सांस भरने लग जाती, जिसे देख घर वालों ने उसे आराम करने की सलाह दी और चलने फिरने से मना कर दिया। लेकिन फिर भी सांस लेने में तकलीफ की समस्या बनी रही तो उसके परिजनों ने उसका झाडफ़ूंक कराया। सेहत में सुधार न होने पर 6 अक्टूबर को सुबह 9 बजे के आसपास जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज उसे इलाज हेतु लाया गया, जहाँ पर उसका कोविड एंटीजन टेस्ट किया गया जिसमें परिणाम कोविड पॉजिटिव आया। चिकित्सकों ने रिपोर्ट मिलते ही तत्काल इलाज शुरू किया और भरसक उपाय करने के बाद भी उसे बचाया न जा सका। उसी दिन अस्पताल आने के आधे घंटे के भीतर सुबह समय 9.30 बजे ही उसकी मृत्यु हो गयी। उसका इलाज करने वाले चिकित्सकों ने बताया कि 02 अक्टूबर को जब व्यक्ति को सांस लेने में समस्या शुरू हुई उसी समय व अस्पताल आकर इलाज करवा लेता तो संभव था उसकी जान बचाई जा सकती थी। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सांस लेने में तकलीफ होना कोरोना का प्रमुख लक्षण है। संक्रमण की दर अधिक होने पर शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा तेजी से घटती है ऐसे में किसी को भी सांस लेने में थोड़ी सी भी दिक्कत हो रही है तो तत्काल नजदीक के शासकीय अस्पताल जाकर टेस्ट कराएं और समय से इलाज प्राप्त करें। सुझाव-किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी होने पर झाड़ फूंक के चक्कर में न पड़े, तुरंत किसी योग्य चिकित्सक की सलाह लें, समय रहते अपनी और अपनों की जान बचाएं, कोविड को बिल्कुल भी नजर अंदाज न करें।