जोहर छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
शासन ने देश के वरिष्ठ नागरिकों को जीवनयापन में मदद करने के लिहाज से हर महीने तय रकम देने के लिए वृद्धा पेंशन योजना बनाया है। ताकि गांव देहात के बुजुर्ग व्यक्ति का नियमित खर्च चल सके। लेकिन इस योजना के असली हकदार असल में या तो भीख मांगकर गुजरा कर रहे हैं या फि र किसी के घर काम करके गुजारा कर रहे हैं। जबकि केंद्र या राज्य सरकार की वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ पंचायत के प्रतिनिधियों के करीबी या फि र जो व्यक्ति पंचायत सचिव की खातिरदारी करे, उसे मिल रहा है। ऐसा ही मामला धरमजयगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत सिंवार के आश्रित ग्राम बरपाली में इन दिनों देखने को मिल रहा है। जहां जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुंची एक महिला ने अपना दर्द बयां किया और बताया कि मेरी उम्र कितनी है ये तो नहीं पता लेकिन शरीर अब थक चुका है। लेकिन आज तक वृद्धा पेंशन स्वीकृति नहीं हुआ है। कई बार पंचायत सचिव सलोनी एक्का से मैने कहा कि मेरा शरीर अब थक रहा है ऐसे में मेरे भी दिनचर्या के कई खर्चे हैं इस योजना का लाभ दिला दो ताकि जिंदगी के बचे खूचे दिनों में अपने खर्च के लिए ललियाना न पड़े। किन्तु सचिव ने आज तक ध्यान नहीं दिया वही यहां बताना जरूरी होगा कि गांव में कई ऐसे लोग भी हंै जो इसके दायरे में नहीं आते अपात्र हंै या फि र सक्षम घराने से है उन्हें इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। वहीं एक ग्रामीण ने बताया कि पंचायत की महिला सचिव पंचायत से अक्सर नदारद रहती हैं और फ ोन करने पर कहती है कि धरमजयगढ़ में कहीं अवैध कब्जा कर घर बनाई है और उसी सिलसिले में पंचायत नहीं आ पा रही है। ऐसे में गांव के ग्रामीणों को जहां शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है वहीं पंचायत का विकास कार्य भी प्रभावित हो रहा है।