जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत गनपतपुर में एक नया मामला सामने आया हैं। जो यह बता रहा है कि इस गांव में असल गरीब वो है जिसके पास ट्रैक्टर है और लाखों की गाड़ी से सरकारी राशन उठाने आते हैं। और अमीर वो है जिन्हें इन योजनाओं का लाभ नहीं मिलता जो यह साबित करता है कि वास्तव में गरीबी रेखा की जमीनी हकीकत क्या है। दरअसल सरकारी दस्तावेज ने कुछ ऐसा कमाल कर दिया कि गरीब एक झटके में अमीर बन गए। और अमीर रातोरात गरीब जिनका जवाबदार गनपतपुर के सरपंच और सचिव को माना जा रहा है। मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना से वंचित नौनिहालों के मुंह से निवाला छिनने का सीधा-सीधा आरोप गांव के सरपंच सचिव पर लगाया जा रहा है। गनपतपुर निवासी ननकी राम को पूर्व में मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना का लाभ बीपीएल हितग्राही के रूप में मिलता रहा। लेकिन कुछ वर्ष पहले इस परिवार का नाम बीपीएल से काटकर एपीएल में जोड़ दिया गया जिससे जीवन गुजारा में कमरतोड़ मेहनत कर परिवार का पालन पोषण करना पड़ रहा है। वही गांव के लोगों ने बताया कि इस तरह गांव में कई और लोगों का नाम भी गरीबी रेखा की सर्वे सूची से हटा दिया गया और उन लोगों का नाम जोड़ दिया गया जो इन जनप्रतिनिधियों के चहेते और सम्पन्न परिवार से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में गांव के कई गरीब परिवार शासन की इस महत्त्वपूर्ण योजना से वंचित हो रहे हैं। इसके अलावा जब इस सम्बंध में गनपतपुर के सरपंच से बात की गई तो सरपंच का मिजाज ही निराला निकला उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि गांव हमारा है। और निर्णय भी हम ही लेंगें। ऐसे में गांव की भोली-भाली जनता के लिए आय हुए समस्त योजनाओं का लाभ सरपंच अपने नाते रिश्तेदारों तथा गांव के सम्पन्न लोगों को पहुंचाने में लगे हैं।