धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। कोरोना वायरस ने लोगों को जीना मुश्किल कर दिया है लेकिन इसके बाद भी लोग कोरोना का हल्के में ले रहे हैं। हल्के में लेने का नतीजा देखने को मिल रहा है, आज मोहल्ले-मोहल्ले में कोरोना दस्तक देने लगा है। कुछ दिनों पूर्व कोरोना बाहर से आये प्रवासी मजदूरों को मिल रहा था जिससे स्थानीय लोगों को कोई खतरा नहीं था लेकिन अब कोरोना ऐसे लोगों में मिल रहा है जिनका कोई ट्रैबल हिस्ट्री नहीं है जिससे धरमजयगढ़ में खतरा बढ़ गया है। लोगों को अब और सतर्क रहने की जरूरत है लेकिन लोग पहले से और ज्यादा लापरवाह हो गये हैं। सिर्फ जनता नहीं स्थानीय प्रशासन भी अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा रहा हैं।
प्रशासन के निर्धारित समय में दुकान नहीं खोलते बंद करते दुकानदार
प्रशासन द्वारा सभी दुकानदारों को दुकान खोलने का एक निर्धारित समय दिया गया है दुकान खोलने के लिए लेकिन दुकानदार प्रशासन के आदेश को धत्ता बताकर सुबह से ही दुकान खोल दे रहे हैं। लेकिन इनके ऊपर आज तक कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण इनके हौसले बुलंद है। जैसे कि कलेक्टर द्वारा फल, सब्जी की दुकान को सुबह 6 बजे से 10 बजे एवं अन्य दुकान सुबह 10 बजे से 6 बजे तक खोलने का आदेश दिया गया था लेकिन धरमजयगढ़ के अधिकत्तर दुकान सुबह 6 बजे से ही खोल दिया जाता था। लेकिन आज से स्थानीय एसडीएम ने नया आदेश जारी किया है जिसमें फल सब्जी की दुकान सुबह 8 बजे से 1 बजे तक लेकिन पहले दिन ही धरमजयगढ़ में एसडीएम की आदेश को कचरे की टोकरी में रखते हुए सुबह 7 बजे ही सब्जी दुकान को खोल दिया गया। और सब्जी मार्केट की हालत देखते ही समझदार लोगों में डर बन जाता है। सब्जी बाजार में अधिकत्तर लोग मास्क नहीं पहने हैं और न ही सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं सब्जी बिक्रता एक दूसरे से सटकर दुकान लगाये हैं। इनको रोकने टोकने वाला कोई नहीं है। और रही बात अन्य दुकानदारों की तो ये तो दोपरह 2 बजे पता चलेगा कि ये लोग स्थानीय प्रशासन के आदेश को मानते है या फिर अन्य दिनों की तरह प्रशासन के आदेश कि धज्जियां उड़ते हैं।
किसी भी हालत में बुधवारी बाजार बनने नहीं दूंगा एसडीएम
जब पूरे देश में लॉक डाउन लगा था तब हमारे द्वारा सब्जी बाजार को लेकर एक समाचार चलाया गया था जिस पर स्थानीय एसडीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए फोन पर बताया था कि धरमजयगढ़ में किसी भी हालत में लैलूंगा के बुधवारी बाजार जैसे हालात नहीं बनने दूंगा चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े लेकिन आज धरमजयगढ़ का हाल लैलूंगा के बुधवारी बाजार से भी बदत्तर हालत है। लैलूंगा में तो सिर्फ बुधवार के दिन ही बाजार का हालात खराब होता था लेकिन आज धरमजयगढ़ में हर दिन लैलूंगा के बुधवारी बाजार से भी गंदा माहौल देखने को मिल रहा है लेकिन स्थानीय प्रशासन को पता है कि नहीं यह तो वही बता पायेंगे।
लोगों की सुरक्षा सिर्फ पुलिस के हाथों
लोगों को ये बात पढ़कर अच्छा नहीं लग रहा होगा कि लोगों की सुरक्षा पुलिस के हाथों में कैसे हो सकता है। लेकिन ये बात कटू सत्य है कि अगर धरमजयगढ़ एसडीओपी सुशील कुमार नायक और थाना प्रभारी अगर दूसरे अधिकारी य कहा जाये दूसरे विभाग की तरह सुस्त होते तो धरमजयगढ़ का हालत इतना खराब होता कि लोग आज घर से निकल नहीं पाते। एसडीओपी नायक के कड़े तेवर से लोगों को कोरोना का डर बना रहता है एसडीओपी नायक एवं थाना प्रभारी मनोरमा कुर्रे हर दिन लोगों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते ही रहते हैं। सबसे मजेदार बात है कि पुलिस विभाग को छोड़कर अन्य कोई भी विभाग कोरोना को लेकर कितना गंभीर है ये तब पता चलता है जब इन अधिकारियों को फोन किया जाता है तो लोग फोन तक उठाना उचित नहीं समझते हैं। धरमजयगढ़ के कुछ लोग एसडीओपी के कोरोना को लेकर कड़े तेवर के चलते धरमजयगढ़ से स्थानांतरण करने की जूगाड़ भीड़े हुए हैं।