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बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को जेल जाने से बचाने वाले डॉक्टर पर क्या होगी कार्यवाही?

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धरमजयगढ़.जोहर छत्तीसगढ़।
अभी सभी तरफ कोरोना का कहर चल रहा है। तो कहीं -कहीं कोरोना को लेकर कई तरह की लापरवाही बरती जा रही है। कुछ दिन पूर्व वन मण्डल धरमजयगढ़ के ग्राम गेरसा में विद्युत करंट लगने से एक हाथी की मौत हो गई थी। विद्युत विभाग इसे अवैध कनेक्शन मानकर सम्बधित किसान कर कार्यवाही कर रही थी। लेकिन वन विभाग इसे हाथी मौत की सबूत मिटाने के आरोप में विद्युत विभाग के सहायक यंत्री राजेन्द्र कुजूर, लाईन मेन अमृत द्विवेदी, परिचालक नरेंद्र महंत के ऊपर वन संरक्षण अधिनियम के तहत उनको गिरफ्तार किया गया था। उनको धरमजयगढ़ न्यायालय में पेश करने के बाद न्यायाधीश ने उन तीनों की जमानत याचिका खारिज कर दिया। तब जेल भेजने से पहले स्वास्थ्य विभाग धरमजयगढ़ द्वारा तीनों का रैपिट टेस्ट किया गया। जिसमें सभी का रिपोर्ट पॉजिटिव बताया गया था। जिससे उनको जेल न भेजकर ईलाज हेतु अस्पताल भेज दिया गया। और वे जेल जाने से बच गए। लेकिन जब इस बात के लिए स्वास्थ्य विभाग रायगढ़ के सीएचएमओ ने बताया कि रिकार्ड में एक भी रैपिट टेस्ट पॉजिटिव नही है।


क्या लापरवाही करने वाले डॉक्टर पर कार्यवाही होगी?


बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी को जेल न जाना पड़े इसलिये डाक्टरों ने कोरोना पॉजिटिव बताया गया यह बात नगर में खूब चर्चा का विषय बना रहा नगरवासियों ने यह तक बात रहे थे कि जैसे ही इनका जमानत कोर्ट मिल जायेगा वैसे ही इनका आरटीपीसी टेस्ट नेगेटिव आ जायेगा और हुआ भी ऐसा, अब जब इनका रिकार्ड में ही कोई जांच होना नहीं पाया गया तो क्या ऐसा करने वाले डॉक्टर पर कार्यवाही होगा या फि र आगे भी कानून के साथ खिलवाड़ करने की छूट दे दिया जाएगा।

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