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खरसिया बंद के लिये बुलाई गयी बैठक पर उठ रहे सवाल, मुट्ठीभर लोगों ने ले लिया नगर का फैसला

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सुनिल अग्रवाल, जोहार छत्तीसगढ़। खरसिया। 1 जुलाई को खरसिया के विश्राम गृह में नगर के व्यापारियों की एक बैठक बुलाकर सप्ताह में एक दिन रविवार को नगरबंद करने का फैसला लिया गया उक्त बैठक पर सवालिया निशान लगाते हुए नगर के व्यापारियों ने बैठक को औचित्यहीन बताया है और उनका कहना है कि बैठक में व्यापारियों को बुलाया ही नहीं गया और चंद मुीभर लोगों ने पूरे नगर का फैसला कर लिया जो कि प्रशासन के तानाशाही रवैये को दर्शाता है। विदित हो कि 1 जुलाई को जनप्रतिनिधियों, मीडिय़ाकर्मियों सहित नगर के व्यापारियों की जमकर अवहेलना करते हुये प्रशासन द्वारा आयोजित बैठक का नगर में विरोध हो रहा है और लोगों के द्वारा प्रशासन के इस तानाशाही पूर्ण रवैये की चर्चा करते हुए कहा जा रहा है कि अगर प्रशासन को रविवार को बंद कराना था तो ऐसे ही आदेष देकर बंद करा देते, बैठक का दिखावा करने की क्या जरूरत थी।


एसडीएम ने मना किया था – सीएमओ


उक्त बैठक के संबंध में नगर में न तो कोई मुनादी ही कराई गयी थी, ना ही व्यापारियों के किसी जिम्मेदार व्यक्ति अथवा संघ के सदस्यों को ही कोई जानकारी दी गयी थी, प्रशासन द्वारा आयोजित इस गुपचुप बैठक के संबंध में जानकारी लेने के लिये नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी टॉमसन रात्रे से चर्चा किये जाने पर उन्होंने कहा कि उक्त बैठक नगर पालिका द्वारा आयोजित नही थी, बल्कि खरसिया एसडीएम द्वारा आयोजित की गयी थी। जब उनसे यह पूछा गया कि बैठक में जनप्रतिनिधियों, पार्षदों तक को क्यों नही बुलाया गया तो उन्होंने कहा कि एसडीएम मना किया था।

बैठक के संबंध में मुझे किसी प्रकार की कोई सूचना व्यक्तिगत रूप से नहीं दी गयी थी, और न ही चेंबर ऑफ कामर्स के किसी भी पदाधिकारी तक को कोई सूचना दी गयी थी, जहां तक गुमास्ता एक्ट के तहत नगर बंद किए जाने का प्रश्न है तो प्रशासन को सार्वजनिक सूचना देकर व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों को बुलवाकर किसी निष्क्रस पर पहुंचना चाहिये, प्रशासन का यह कृत्य गैरजिम्मेदाराना रवैये को प्रदर्शित करता है। व्यापारियों की प्रशासन से मांग है कि एक बार फि र से सार्वजनिक मुनादी करके बैठक बुला कर कोई निर्णय लिया जाये, जिससे व्यापारीगण अपनी समस्या अथवा अपनी राय से प्रशासन को अवगत करा सके।


मुकेश मित्तल, अध्यक्ष चेंबर ऑफ क ामर्स खरसिया

पत्रकार संघ को प्रशासन द्वारा इस बैठक की कोई सूचना नहीं दी गयी थी, अगर प्रशासन को मनमाना फैसला लेना ही था तो बैठक का दिखावा करने की क्या आवश्यकता थी।


सुनील अग्रवाल, सचिव पत्रकार संघ खरसिया

बैठक के संबंध में मुझे कोई जानकारी नही थी, इससे पूर्व प्रशासन द्वारा शुक्रवार का दिन बंद के लिये निर्धारित किया गया था, फि र अचानक खरसिया एसडीएम को आनन-फ ानन में चंद लोगों के साथ बैठक कर निर्णय लेने की क्या आवश्यकता थी।


प्रहलाद बंसल, स्थानीय व्यापारी

व्यापारी भाईयों को कोई भी सूचना अथवा मुनादी नहीं करायी गयी थी, कुछ ऐसे लोगों द्वारा जो व्यापारी तक नहीं थे एक तरफा फैसला लेकर नगर पर थोप दिया गया है जिसका हम विरोध करते हैं।


विकास अग्रवाल ज्योति, स्थानीय व्यापारी

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