लैलूंगा-जोहार छत्तीसगढ़। विगत कुछ दिनो पूर्व लैलूंगा के करवारजोर, पडरीझरिया इलाके में हुईं तबाही का ख़ौफ अभी तक इस क्षेत्र के लोगों के दिलों में है। लॉकडाउन ने जहां पैरों में जंजीरें बांध रखी थी वही अचानक कुदरत का एक और कहर ओलावृष्टि के रूप में इनके घर की छतों को ताबड़तोड़ नुकसान पहुचाया। ऐसे में पहले ही खाने कमाने की बंदिशें थी ऊपर से ओलावृष्टि इन क्षेत्रवासियों की आफत बनकर सामने आई लेकिन प्रशासन तत्काल पॉइंट पर पहुचकर इन्हें मदद का आश्वासन देते हुई ओलावृष्टि से प्रभावित ग्रामीणों को मदद के लिए प्रयासरत देखी गई लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में सरकार की राहत राशि नही पहुच पाई है और गांव के सरपंच ही इन लोगो के लिए सहारा बने हुए हैं।
सरपंच ने की मदद
ग्रामीणों ने बताया कि ओलावृष्टि के बाद सर्वप्रथम गांव के सरपंच ने ही प्रभावित लोगों को तिरपाल दिया जो भीषण गर्मी में इनके परिवार वालों के लिए वरदान बना लेकिन तेज धूप की वजह से तिरपाल भी फटने लगा है। और ऐसे परिवार के पास अभी तक सरकार की राहत राशि नही पहुंच पाई है। और बरसात में इन्हें दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार किसीको भी राहत राशि नहीं दिया गया है। लेकिन स्थनीय प्रशासन का दावा है कि ओलावृष्टि से हुए नुकसान हुए लोगों के खाते में राहत राशि भेज दिया गया है। लेकिन स्थनीय प्रशासन के दावे को ग्रामीणों ने झुठा साबित बताते हुए राहत राशि नहीं मिलना बात रहे हैं।
ओलावृष्टि से नुकसान हुए लोगों का प्रकरण बनाकर राहत राशि उनके खाते में दिया गया है। कुछ लोगों को ही राहत राशि देना शेष बच्चा है।
अनुज पटेल तहसीलदार लैलूंगा