लैलूंगा-जोहार छत्तीसगढ़।
मामला है लैलूंगा विकासखंड के ग्राम पंचायत तोलगे का जहां की महिला सरपंच के ससुर ने तो कई आरोपों की झड़ी लगाई है। साथ ही इस पंचायत के कारनामों पर नजर डालें तो ऐसा लगेगा मानो पंचायत में भूलवश महिला सरपंच का नाम दर्ज हो गया हो वरना रिमोर्ट तो गांव के ही एक छुटभैये नेता के पास है।जो अपनी उंगलियों में पूरे पंचायत को नचा रहा हैैं। वही महिला सरपंच, सरपंच पति और वार्ड के एक पंच समेत एक दो और अन्य लोगों के सहारे बनी इस टीम के मुखिया का रोल अदा कर रहे एक पटेल पीडीएस से लेकर मनरेगा तक के कार्यों पर अपना दबदबा बनाते हुये पंचायत के कामकाज में दखल दे रहा है। और इस पंचायत की लुटिया डुबाने का शंखनाद कर चुका है।
मेरा पति जानता है सब कुछ-सरपंच
ग्राम पंचायत तोलगे की महिला सरपंच ने बताया कि उसका पति ही पूरे पंचायत का कामकाज देखता है मैं खाली कुछ विशेष होने पर कही जाती हूं। लेकिन सरपंच पति का रिमोर्ट गांव के ही एक अन्य व्यक्ति के पास है जो बिना इसकी इजाजत के सरपंच पति का मुंह तक नही खुलता ऐसे में इस पंचायत में महिला सरपंच के नाम पर गाँव का एक छुटभैया नेता ही पंचायत के विकास को विनाश का रूप देने मे लगा है।
ससुर भी दाने दाने को मोहताज
महिला सरपंच के ससुर ने अपने ही बहु पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे खाने को नही देती है मेरी बहु कई बार पेंशन योजना में नाम जोड़ने को कहा लेकिन नाम नही जोड़ा ऐसे सरपंच को तुरंत हटा देना चाहिए मेरी पत्नी भी 90 के दशक में सरपंच रही है। हमने भी पंचायत चलाया है। ये लोग दूसरे के भरोसे पंचायत का बंटा धार करने में लगे हैं।
पन्द्रही में सचिव के दर्शन
इन सबके अलावा पंचायत सचिव हर पन्द्रह-पन्द्रह दिन यानी पन्द्रही में आता है। और अपना काम करके चला जाता है। रही बात ग्रामीणों की समस्या की तो उन्हें लोरी गाकर सुनाने के लिए गांव में नेताओं की कोई कमी नही है। जो आश्वासन और दिलाशा के भरोसे पंचायत की योजनाओं पर गिद्ध की तरह नजर गढ़ाए बैठे शेखी बघार रहे हैं।