गौरीशंकर गुप्ता, जोहार छत्तीसगढ़।
घरघोड़ा। जनपद पंचायत के अन्तर्गत मनरेगा मे हो रही ब्यापक भ्रष्टाचार का उजागर होने के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी घरघोड़ा द्वारा आनन-फानन में 10 ग्राम पंचायतों के सरपंच, रोजगार सहायक व सचिव की एक बड़ी बैठक कोरोना वैश्विक महामारी के जिससे सोसल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए जनपद पंचायत घरघोड़ा में आहूत किया गया। सूत्रों से पता चला है की जनपद अध्यक्ष घरघोड़ा सहोदरा राठिया एवं उपाध्यक्ष ममता पण्डा के ग्राम पंचायतों के भ्रमण पर कई भ्रष्टाचार के उजागर होने पर तिल मिलाए मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायकों को एक साथ इन जनप्रतिनिधियों का विरोध करने का मूलमंत्र दिया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा बुलाई इस बैठक में पंचायत से 50 व्यक्तियों को बुलाया गया था और एक कमरे में बैठा कर बैठक लिया गया। जबकि प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष जोर दे रहा है वही एक विशेष अधिकारी द्वारा अपने द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को दबाने हेतु सोशल डिस्टेंसिंग को ताक में रखकर बैठक लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है । विकासखंड घरघोड़ा के 40 पंचायत में आज नरेगा के एक भी कार्य सुचारू रूप से संचालित नहीं है जो जनपद अध्यक्ष -उपाध्यक्ष के टीम द्वारा धरातल पर देखी गई। जनपद चुनाव के बाद ब्य्स्तता व कोरोना का बहाना बनाकर 4 माह मे एक भी बैठक सीईओ द्वारा नही लिया गया है।जब पुरे जनपद मे भ्रष्टाचार का प्रमाण सहित सामने आने के बाद मुख्य कार्य पालन अधिकारी ने कोरोना महामारी को ताक पर रखकर एक बड़ा बैठक का आयोजन किया जाना -क्या जिला कलेक्टर इस पर कार्यवाही करेँगे। या सभी नियम कानून मजदूर और गरीब वर्ग के लिये ही है।
सामूहिक बैठक लेना अनुचित- एसडीएम मार्बल
मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा सामूहिक बैठक लिए जाने के संबंध में पूछा गया तो एसडीएम ने कहा कि धारा 144 के अंतर्गत बैठक सामूहिक नहीं ली जा सकती अगर ली है तो किसकी अनुमति से उसका पालन कितने स्तर तक किया गया जिसकी संपूर्ण जानकारी विभाग से एवं सरपंच सचिव से ली जाएगी।