धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। तेंदूपत्ता संग्रहण सीजन 2020 को लेकर लोगों में तरह-तरह का संशय बरकरार है। शासन की नीति अनुसार तेंदूपत्ता को ग्रामीणों से खरीद कर शासन तुरंत हरे पत्ते को ठेकेदार के पास बेच देता है। तेंदूपत्ता खरीदने के लिए कई ठेकेदार अपना बोली लगाते हैं और ये ठेकेदार छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रांतों से भी आकर तेंदूपत्ता की खरीदी करते हैं। छत्तीसगढ़ के ठेकेदार भी तेंदूपत्ता में काम करने के लिए अन्य प्रांतों से मजदूर लेकर आते हैं। यह मजदूर ज्यादातर महाराष्ट्र प्रांत के गोंदिया एवं अन्य जगहों से आते हैं। इन दिनों कोविड-19 कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र के मुंबई एवं अन्य जिलों में देखा जा रहा है। ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र से अगर मजदूर आते हैं तो इधर गांव वालों को कहना है कि हम उन्हें गांव में घुसने नहीं देंगे। इस विषय में वन मंडल अधिकारी प्रियंका पांडे से बात करने पर उन्होंने कहा कि खरीदी होगी और ज्यादातर मजदूर छत्तीसगढ़ प्रांत से ही आएंगे और अगर बाहर से आएंगे भी तो ठेकेदार आएगा या चेकर आ सकते हैं। उनको भी यहां प्रदेश में कोरेंनटाइन कर चेक अप करने के बाद उन्हें यहां भेजा जाएगा और हम पास जारी करेंगे। विदित हो कि अन्य वनोपज की तरह ही तेंदूपत्ता यहां के आदिवासी बनवासी भाई बहनों के लिए बहुत बड़ा आय का स्रोत है। इस वर्ष लगातार हो रही बेमौसम बारिश के वजह से तेंदूपत्ता के साख कर्तन के कार्य में भी देरी हुई है। समय से साख कर्तन नहीं हो पाने की वजह से तेंदूपत्ता इस वर्ष कम ही है।