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पंचायत के निर्माण कार्य में सिंह ठेकेदार का कब्जा? … ठेकेदार अधिकारी की मिली भगत से पंचायत में हो रहा घटिया निर्माण …सरपंच-सचिव को ठेकेदार सिंह बोलते हैं रायपुर से काम मैं लाया हूं काम मैं ही करूंगा

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। शासन के नियमानुसार ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार का कोई ठेकापद्धति से नहीं किया जा सकता है। पंचायत में जितने भी निर्माण कार्य होंगे सभी कामों को सरपंच-सचिव के देखरेख में किया जाना होता एवं कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत में ही होते हैं लेकिन धरमजयगढ़ जनपद पंचायत के 118 ग्राम पंचायतभगवान भरोसे चल रहे हैं। धरमजयगढ़ जनपद पंचायत के 118 पंचायत के सभी निर्माण कार्य ठेका पद्धति से करवाया जा रहा है जिसका नतीजा है कि पंचायत के निर्माण कार्य निम्न स्तर के होते हैं। सबसे मजेदार बात है कि धरमजयगढ़ जनपद पंचायत में एक ऐसा ठेकेदार उपलब्ध है जो हर पंचायत के निर्माण कार्य का ठेका लेते हैं और अधिकारी-कर्मचारियों को पूरी जानकारी होने के बाद भी पंचायत के कार्यों को इसी ठेकेदार से करवाने के लिए सरपंच-सचिव पर दबाव डालते हैं। कोई पंचायत निर्माण कार्य स्वयं करना चाहते हैं तो अधिकारी करने नहीं देते हैं ये साफ तौर पर मौखिक आदेश दे दिया जाता है कि सिंह से ही काम करवाये। सरपंच-सचिव बेचारे क्या करें अधिकारी का विरोध भी नहीं कर सकते जिसका नतीजा है कि सिंह ठेकेदार घटिया निर्माण कर पंचायत के विकास कार्य की राशि पर डाका डाल लेते हैं।
सीसी सड़क बनते ही उखडऩे लगता है
सिंह ठेकेदार द्वारा ग्राम पंचायत में बनाये गये सीसी सड़क का हाल इतना बूरा है कि एक तरफ निर्माण कार्य चलता रहता है तो दूसरे तरफ सीसी सड़क अपना भ्रष्टाचार का पोल खोलता रहता है। लेकिन इससे सिंह ठेकेदार को कोई फर्क नहीं पड़ता इनका बिल तो पहले से ही बनकर तैयार रहते हैं सरपंच-सचिव बेचारा सब देखते रहते हैं कुछ बोलने का सहस नहीं कर पाते हैं क्योंकि इनके साथ जनपद के अधिकारी कर्मचारी को देते हैं ऐसे घटिया निर्माण कार्य करने की।
रायपुर से कमीशन देकर काम लाया हूं काम तो मैं ही करूंगा
कोई सरपंच अगर सिंह ठेकेदार को काम नहीं देने की बात करते हैं तो सिंह ठेकेदार सरपंच को धमकाते हुए कहते हैं कि रायपुर से कमीशन देकर काम लाया हूं तो काम मैं नहीं करूंगा तो क्या दूसरा कोई करेंगे। पंचायत में काम ऐसे ही नहीं आते हैं इससे पहले कमीशन देना पड़ता है उसके बाद काम मिलता है। इसके बाद भी अगर सरपंच इस ठेकेदार की बात नहीं मानते हैं तो अधिकारी सरपंच के ऊपर दबाव बनाकर काम सिंह ठेकेदार को ही दिला देते हैं।
सिंह ठेकेदार द्वारा कराये गये निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच होने पर होगा लाखों का गोल काम का खुलासा
अगर सही ढंग से ठेकेदार सिंह द्वारा कराये गये निर्माण कार्य की जांच की जाये तो घटिया निर्माण कर लाखों का गोलमाल करने का खुलासा हो सकता है? क्योंकि इनके द्वारा पंचायत में जितने भी निर्माण कार्य करवाये गये हैं सभी निर्माण कार्य बहुत ही अधिक घटिया स्तर का करवाया गया है। अधिकारियों को चाहिए की सबसे पहले तो ग्राम पंचायतों में चल रहे ठेका पद्धति को बंद कर ऐसे ठेकेदारों पर नकेल कसे ताकि ग्रामीणों को मिलने वाली सुविधा पर कोई डाका न डाल पाये।

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