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शौचालय के नाम पर जमरगी-डी पंचायत में हुआ खुलकर घोटाला … सड़क के लिए तरस रहा जमरगी डी पंचायत के आश्रित ग्राम

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अशोक भगत, जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़

धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत जमरगी-डी पंचायत में विकास के नाम पर खुलकर भ्रष्टाचार सचिव-सरपंच ने किया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीणों को मिलने वाला शौचालय में सरपंच-सचिव ने खुलकर घोटाला किया है। 20 वार्ड का ग्राम पंचायत जमरगी-डी में कुल 12 मोहल्ले हैं लेकिन एक मुहल्ले से दूसरे मोहल्ले जाने कि लिए कोई साधन नहीं है ग्रामीणों ने हमारे टीम को बताये कि अभी कुछ ही दिन पहले रजिदा गांव में एक व्यक्ति की सड़क दुघर्टना हो गया था सड़क खराब होने के कारण एम्बुलेंस नहीं जा सका और उसकी मौत हो गया है। वन अधिकार पट्टा वितरण के नाम पर भी ग्राम पंचायत सचिव मुरलीधर गुप्ता ने प्रत्येक हितग्राही से रूपये लिया है। पंचायत में कागज में तो बहुत काम हुआ है लेकिन धरातल में कुछ भी नहीं हुआ है।
अधूरा निर्माण शौचालय का कैसे करें उपयोग
ग्रामीणों ने बताये कि सरपंच-सचिव द्वारा शौचालय निर्माण में खुलकर भ्रष्टाचार किया है इनके द्वारा बनाये गये शौचालय उपयोग करने योग्य नहीं है। पूरे ग्राम पंचायत में 60-70 शौचालय का निर्माण ही किया है। इनके द्वारा बनाये गये शौचालय में छत नहीं है तो किसी मेें सीट नहीं लगाया गया है। जब हमारे द्वारा शौचालय निर्माण कैसे किया गया है देखने के लिए ग्रामीणों के घर पर जाने पर किसी भी शौचालय में सेप्टिक टेंक व दरवाजा नहीं दिखा अब आप खुद सोच सकते हैं इस तरह के शौचालय का उपयोग ग्रामीण कैसे करेंगे। यह आरोप हम नहीं लगा रहे हैं आप चित्र देखकर ही समझ जायेंगे कि सरपंच-सचिव किस कदर शासकीय राशि का बंदरबांट किया है।
वन भूमि के नाम पर ग्रामीणों से ग्राम पंचायत सचिव ने लिए 1-1 हजार रूपये
लंबे समय से वन भूमि पर कब्जा करने वालों को शासन द्वारा पट्टा दिया जा रहा है यहां भी सचिव ने अपना सचिव गिरी दिखाते हुए 9 ग्रामीणों से 1-1 हजार रूपये ले लिया पट्टा दिलाने के नाम पर लेकिन हजारों रूपये देने के बाद भी ग्रामीणों को वन भूमि पट्टा नहीं मिला।
सचिव अपने खान दोस्त के साथ आते हैं और पार्टी मनाकर चले जाते हैं पंचायत का कम नहीं करते
ग्रामीणों ने बातये कि ग्राम पंचायत सचिव अपने एक खान दोस्त के साथ पंचायत आते हैं और पार्टी मनाकर चले जाते हैं पंचायत का कोई भी काम में ध्यान नहीं देते हैं। सचिव की लापरवाही के कारण ही आज भी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं जमरगी-डी में पानी, सड़क की बहुत ही अधिक जरूरत हैं लेकिन सरपंच-सचिव इस समस्या को कैसे दूर किया जाये इस पर कोई ध्यान नहीं देते हैं इनको तो बस अपने दोस्तों के साथ पार्टी मनाने में मस्त हैं। चाहे ग्रामीण प्यासे ही क्यों न मर जाये। ग्रामीणों ने बताये कि गर्मी के दिनों में जमरगी-डी में पानी की भारी समस्या रहता है लेकिन सरपंच-सचिव कागज में ही कई बोर खनन कर दिये हंै। जब हम लोग वापस आ रहे थे तब रोड किनारे एक नया भवन के पास सचिव अपने दोस्त के साथ पार्टी मनाते दिखे। कितने शौचालय निर्माण किया गया है पूछने पर सचिव ने बताये कि 250 शौचालय निर्माण किया है शौचालय का देख-रेख करने का काम हितग्राही का है, फिर उनसे पूछा गया। कितने शौचायल उपयोग करने लायक है तो सचिव ने कोई जवाब नहीं दिया चूपचाप खड़ा रहा।


पेंशन के लिए भटक रहे बुजूर्ग ग्रामीण
हमारे टीम जब ग्राम जमरगी-डी का दौरा कर विकास कार्य की जायजा ले रहे थे तभी कुछ बुर्जुग हमारे पास आकर अपना दु:खड़ा सुनाने लगे और बोलने लगे कि हम लोग ऑफिस जा-जाकर थक गये हैं लेकिन हम लोगों को पेंशन नहीं मिल रहा है। सचिव को बोलने से बोलता है मैं क्या करूं तुम लोगों को पेंशन नहीं मिल रहा है तो। पेंशन के लिए विधायक के पास भी गये थे विधायक लालजीत ने सीईओ ऑफिस के बाबू जांगड़े को तत्काल पेंशन बनाने के लिए बोला तो जांगड़े बाबू हम लोगों को बोला कि कल तुम लोगों का पेंशन सचिव के पास नगद भेज दूंगा लेकिन 1 माह से भी ऊपर हो गया है पेंशन नहीं मिला।

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