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जर्जर स्कूल भवन में जिंदगी गढ़ रहे नौ निहाल बच्चे * क्लास रूम में छाता ओढ़कर पढ़ते हैं पूर्व माध्यमिक शाला रूडूकेला के बच्चे * पूरे स्कूल भवन में दौड़ता है बिजली करेंट * जानकारी के बाद भी अधिकारियों ने नहीं लिया स्कूल का जायजा * बिजली विभाग सुधारने के बजाये मुफ्त में दे दिया सलाह, मेन स्विच गिरा देना * बरसात शुरू होते ही शिक्षक बच्चों को दे देते हैं छुट्टी

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अशोक भगत, लैलूंगा।

छत्तीसगढ़ सरकार का शिक्षा व्यवस्था ऐसा लगता है कि रायगढ़ जिले में पूरी तरह चरमरा गई। हमारे टीम ने रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखण्ड के विजयनगर के दो स्कूलों की लचर व्यवस्था के बारे में कुछ दिन पूर्व में समाचार पत्र के माध्यम से आप लोगों को अवगत करया था कि प्राथमिक शाला विजयनगर में दो सालों से कोई शिक्षक नहीं होने के कारण बच्चे बिना शिक्षक के ही पढ़ाई करते हैं, वहीं पूर्व माध्यमिक शाला विजयनगर के स्कूल भवन से पानी टपकने की खबर को प्रकाशित करने पर शिक्षा विभाग को होश आया और शिक्षक विहिन स्कूल में शिक्षक पदस्थ किया और पूर्व माध्यमिक शाला को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया गया है। आज हम लैलूंगा विकासखण्ड के एक ऐसा स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं सूनकर आपके रोंगटे खड़ा हो जायेगा कि हम क्या कर रहे हैं अपने बच्चों की भविष्य गढऩे के लिए स्कूल भेजते हैं या अपनी जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने को? जोहार छत्तीगसढ़ की टीम 16 अगस्त को शिक्षा व्यवस्था की जानकारी लेने के लिए लैलूंगा मुख्यालय से चंद किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत रूडूकेला गये तो सड़क किनारे एक स्कूल दिखा स्कूल को देखकर हमारी टीम स्कूल में प्रवेश किया तो स्कूल में एक शिक्षिका तीन क्लास के बच्चों को पढ़ा रहे थे। जब मैडम से कितने शिक्षक है पूछने पर बताई की 3 शिक्षक पदस्थ हैं।

लेकिन आज मैं अकेली हूं। स्कूल का हाल इतना बूरा था सभी क्लास रूम में पानी जमा हुआ और छत से पानी टपक रहा था बच्चों को बैठने में भारी दिक्कत हो रहे थे। जब हेडमास्टर से पूछा गया कि क्या आप इसकी सूचना अपने उच्च अधिकारी को दिया तो मैडम ने बताई कि हमारे द्वारा 2014 से हर साल लिखित में विकासखड शिक्षा अधिकारी को दिया जा रहा है लेकिन शिक्षा अधिकारी द्वारा कोई व्यवस्था नहीं किया जा रहा है विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ने यह कहते हुए चलता किया कि प्लासटिक लगा लो। स्कूल भवन के छत से पानी टपकने के कारण छत का प्लासटर गिरने लगा है। कभी भी स्कूली बच्चों के ऊपर गिर सकता है और और अगर किसी बच्चे के ऊपर गिरता है तो बच्चों के साथ अनहोनी हो सकता है। स्कूली बच्चों ने बताये कि बरसात के दिनों में पढ़ाई करने के लिए भारी परेशानी हो रहा है छत से इतना अधिक पानी टपकता है कि हम लोगों का बस्ता पूरी तरह भींग जाता है। बच्चों ने यह तक बताया कि हम लोग बहुत समय तक छाता लेकर क्लास रूम में बैंठते हैं ताकि पढ़ाई कर सके लेकिन पानी इतना अधिक गिरता है कि छाता लेकर भी पढ़ाई करने नहीं बनता है तो मैडम स्कूल की छुट्टी कर देते हैं।
पानी टपकने से स्कूल में नहीं हो रहा पढ़ाई
माध्यमिक शाला रूडूकेला में पढ़ाई के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है, स्कूल भवन में इतना अधिक मात्रा में पानी टपकते हैं कि बच्चों को बैठने तो दूर की बात खड़े होने का भी जगह नहीं होता है इस स्कूल में 57 छात्र-छात्रा हैं। हेडमास्टर ने बताये कि पानी शुरू होते ही बच्चों को छुट्टी दे देते हैं ताकि बच्चे सुरक्षित रह सके। स्कूल भवन में ऐसा कोई जगह नहीं है जहां से पानी न टपकते हो अब आप ही सोचिए कि बच्चों को इस स्कूल में क्या शिक्षा मिलता होगा।
काभी भी स्कूली बच्चे आ सकते हैं बिजली करेंट के चपेट में
जिस तरह शिक्षा विभाग माध्यमिक शाला के बच्चों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ठीक उसी तरह किसी अनहोनी घटना का इंतेजार बिजली विभाग भी कर रहे हैं। बरसात के दिनों में जर्जर हो चुके स्कूल भवन में पानी टपकने के कारण पूरे स्कूल भवन में बिजली करेंट दौड़ता रहता है। करेंट के चपेट में आकर कभी भी किसी बच्चे की जान तक जा सकता है लेकिन स्कूल भवन में करेंट दौडऩे की खबर शिक्षा विभाग से लेकर बिजली विभाग को भी है लेकिन इसे किस तरह सुधारा जाये इससे किसी को कोई मतलब नहीं है। क्योंकि विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के बच्चे इस स्कूल में नहीं पढ़ते हैं। स्कूल में हेडमास्टर ने शिक्षा विभाग के साथ बिजली विभाग को भी लिखित में इसकी सूचना दी है कि स्कूल भवन में करेंट आ रहे हैं लेकिन बिजली विभाग सुधारने के बजाए मुफ्त में शिक्षकों को सलाह दे दिया कि मेन स्विच गिरा देना क्या मेन स्विच गिरा देने से स्कूल भवन में करेंट दौडऩा बंद हो सकता है?
शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कब आयेगा होश
जर्जर स्कूल में अपनी जिंदगी को गढऩे वाले बच्चों के प्रति अधिकारियों को कब होश आयेगा और ऐसे जर्जर स्कूलों का सुधार होगा अब आप ही सोचिए कि स्कूल भवन में बिजली करेंट संचालित होने से करेंट के चपेट में आकर स्कूली बच्चों को कुछ भी हो सकता है, स्कूल भवन का प्लास्टर गिरने से कोई भी बच्चे या शिक्षक घालय हो सकते हैं इसकी पूरी जानकारी होने के बाद भी शिक्षा अधिकारी स्कूल को झाकने तक नहीं आये, तो सोच सकते हैं कि शिक्षा विभाग अधिकारी कर्मचारी कितना सचेत हैं आपके और हमारे बच्चों के प्रति।

जर्जर स्कूल भवन की जानकारी मुझे है हमने इसके बारे में कई बार राज्य शासन को पत्र लिख चुके हैं लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुआ है। रही बात स्कूल भवन में करेंट आने की तो इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है आप लोगों के माध्यम से जानकारी मुझे मिला है मैं तत्काल बिजली विभाग के अधिकारियों से बातकर करेंट सप्लाई को बंद करवाती हूं।
शांता साय अध्यक्ष जनपद पंचायत लैलूंगा

लैलूंगा में 100 से अधिक स्कूलों का हालत ऐसे हैं सभी भवन से पानी टपकते हैं इसकी कोई व्यवस्था नहीं हो सकता है। पूर्व माध्यमिक शाला रूडूकेला में टपकने के कारण बच्चों को बैठने का जगह नहीं होते हैं इसलिए बच्चों को छुट्टी दे दिया जाता है।
जी. आर. जाटवार विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी लैलूंगा

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