जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
लैलूंगा विकास खण्ड के ग्राम पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार करने का मामला समाने आया है, इस विकासखण्ड के ग्राम पंचायतों में बिना काम कराये ही लाखों-लाखों का बिल भुगतान करने का मामला देखने को मिल रहा है। आज हम बात करने जा रहे हैं गुडूबहाल ग्राम पंचायत का इस पंचायत का सरपंच है धर्मव्रत बरवा और सचिव है सबिया परिडा इनके द्वारा ग्राम पंचायत में खुलकर भ्रष्टाचार किये जा रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत गुडूबाहल के सुखबासूपारा में एक सामुदयिक शौचालय का निर्माण करवाया गया है, शौचालय का निर्माण राशि है 3 लाख 50 हजार रूपये है, जब से शौचालय का निर्माण हुआ है तब से आज तक एक भी व्यक्ति शौच करने नहीं गये हैं क्योंकि शौचालय में पानी की कोई व्यवास्था नहीं है। जबकि सरपंच-सचिव द्वारा पाईप लाईन विस्तार के नाम पर 74475 रूपये आहरण कर लिया गया है। पानी व्यवस्था के नाम पर सामुदयिक शौचालय में एक रूपये का भी काम सरपंच-सचिव द्वारा नहीं किया गया है, बिना काम कराये ही शासन से मिले राशि का बंदर बांट कर लिया गया है इनके द्वारा, मजेदार बात है कि इसका भी बिल किसी चाहत कुमार अग्रवाल के नाम पर 22 जुलाई 2023 को 40475 और 34000 ऐसा करते एक ही दिन में दो बार में 74475 रूपये आहरण किया गया है।
तार घेराव के नाम पर भी हुआ घोटाला
वहीं प्राथमिक शाला में स्कूली बच्चों के सुरक्षा के लिए तार घेराव करने शासन द्वारा 1 लाख रूपये ग्राम पंचायत को दिया गया था। सरपंच-सचिव द्वारा इस राशि को भी पूरी तरह से गोलमाल करते हुए अपने जेब में रख लिया। जब हमारे द्वारा प्राथमिक शाला में काम हुआ की नहीं देखने जाने पर पता चला कि जिस स्कूल में तार का घेराव करने के नाम पर राशि आहरण किया गया है उस स्कूल भवन में स्कूल ही नहीं लगते हैं, ग्रामीणों से पूछने परकी स्कूल भवन में स्कूल क्या नहीं लग रहे हैं, तब बताया कि स्कूल भवन का छत बहुत ही जर्जर है कभी भी स्कूल का छत गिर सकता है इसलिए स्कूल को आंगनबाड़ी भवन में संचालित किया जा रहा है। स्कूल भवन में किसी प्रकार का तार घेराव के नाम पर कुछ नहीं हुआ। यहां भी शासकीय राशि का बंदरबांट कर लिया गया सरपंच-सचिव द्वारा। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल भवन में कोई तार का घेराव नहीं किया है सरपंच-सचिव मिलकर सिर्फ शासकीय राशि का गोलमाल कर रहे हैं। सरपंच-सचिव द्वारा एक बार फिर फर्जी बिल चाहत कुमार अग्रवाल के नाम पर निकाले हैं 24 जुलाई 2023 को दो बार में 42665 एक बार और दूसरी बार 49600 रूपये कुल 98895 रूपये प्राथमिक शाला में तार घेराव के नाम पर शासकीय राशि का बंदर बांट किया गया है।
आखिर भ्रष्टाचार में लिप्त सरपंच-सचिव पर कौन करेगा कार्यवाही?
अब सवाल उठता है कि क्या ग्राम पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी जनपद पंचायत में बैंठे अधिकाी-कर्मचारियों को नहीं हैं या फिर सब जानकर भी अनजान बन बैंठे हैं ये अधिकारी-कर्मचारी ये सबसे बड़ा सवाल है। क्या लैलूगा जनपद पंचायत में निर्माण कार्य की भौतिक सत्यापन करने की जरूरत नहीं पड़ती है या फिर घर बैंठे ही निर्माण कार्य की सत्यापन हो जाता है? इस संबंध में जानकारी लेने ग्राम सरपंच से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि सबको मैंटेन करना पड़ता है दुनिया भर का चंदा देना पड़ता है आप ही बताए इतना नहीं करेंगे तो कैसे चलेगा। अब आप सोचिए अगर सरपंच की बात सच है तो फिर इनपर कार्यवाही करेगा कौन? क्या लैलूंगा जनपद पंचायत में बैंठे अधिकारी इन पर कोई जांच या कार्यवाही करेंगे? ये तो समय ही बताया कि शासकीय राशि का बंदरबांट करने वालों पर कार्यवाही होगा या नहीं ।
आगे और बतायेंगे इनकी भ्रष्टाचार की कहानी पढ़ते रहिए जोहार छत्तीसगढ़!