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आईपीए की शिकायत पर बिना फार्मासिस्ट संचालित मेडिकल हुआ सील,  आईपीए की शिकायत पर बगैर फार्मासिस्ट चल रहे मेडिकल का लाइसेंस सस्पेंड किया औषधि प्रशासन ने

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जोहार छत्तीसगढ़-रायपुर।
छत्तीसगढ़ इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन आईपीए लगातार बगैर फ ार्मासिस्ट संचालित मेडिकलों के खिलाफ खाद्य एवम औषधि प्रशासन विभाग को कार्यवाही करने मुहिम चला रहा है उसी कड़ी में आईपीए की शिकायत पर राजधानी शंकर नगर स्थित रत्निक फ ार्मा मेडिकल स्टोर का ड्रग लाइसेंस सस्पेंड कर दुकान को सील किया गया। उक्त मेडिकल दुकान बिना किसी पंजीकृत फ ार्मासिस्ट के उपस्थिति के संचालित हो रहा था। संगठन ने लाइसेंस में दर्ज फ ार्मासिस्ट की जानकारी हासिल किया तब पता चला कि फार्मासिस्ट एक दवा कंपनी में विगत कई वर्षों से एमआर है। फ ार्मासिस्ट का पंजीयन कैंसल करने रजिस्ट्रार छत्तीसगढ़ स्टेट फर्मेसी कौंसिल को पत्राचार किया गया है साथ ही बगैर फ ार्मासिस्ट दवा विक्रय करने पर फर्मेसी एक्ट 1948 के सेक्शन 42 एवम ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 रूल 1945 के सेक्शन 65 के तहत संचालक निखिल तिवारी और प्रतिभा मिश्रा के खिलाफ कार्यवाही करने विभाग को लिखा है । ज्ञात हो कि कोविड के बाद से मेडिकल स्टोरों की संख्या किराना दुकानों की तर्ज पर बढऩे लगी है जिसमे फ ार्मासिस्ट के फार्मेसी डिग्री और पंजीयन प्रमाण पत्र को किराए पर लेकर मेडिकल खोलने की होड़ शुरू हो गई है। ड्रग लाइसेंस नियमों के तहत मेडिकल स्टोर संचालन और एलोपैथी दवाएं विक्रय करने के लिए फार्मेसी की डिग्री अथवा डिप्लोमा अनिवार्य है। यदि कोई गैर फ ार्मासिस्ट व्यक्ति दवाओं का विक्रय करता है तब उसको दो लाख रुपए जुर्माना या तीन माह कारावास अथवा दोनों ही हो सकता है । फार्मेसी या मेडिकल व्यवसाय एक प्रोफेशनल व्यवसाय है जिसमे आम लोगों का सेहत और जीवन मृत्यु जुड़ा हुआ है इसलिये इसके संचालन के नियम बेहद कड़े हैं।

* आम लोगों को अंग्रेजी दवाएं फार्मासिस्ट द्वारा संचालित मेडिकल से ही खरीदना चाहिए।
इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन फार्मासिस्ट राहुल वर्मा प्रदेश सचिव

 

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