जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। रायपुर से धनबाद तक भारतमाला परियोजना के तहत बन रही सड़क निर्माण के लिए धरमजयगढ़ ब्लॉक में बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की जा रही है। सड़क का 41 किमी हिस्सा ब्लॉक से होकर गुजरेगा। सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण हो चुका है, लेकिन प्रभावित किसानों में कुछ लोगों का आरोप है कि उन्हें मुआवजा दिए बिना ही सड़क निर्माण शुरू कर दिया गया है। इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से ग्रामीण विरोध भी कर रहे हैं। धरमजयगढ़ एसडीएम डिगेश पटेल को लिखित व मौखिक शिकायत देने के बावजूद किसानों ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं हो रही है। किसानों का कहना है कि जमीन पर लगे पेड़ के बदले मुआवजा नहीं दिया गया।
क्या कहते हैं अधिकारी
धरमजयगढ़ डीएफ ओ ने बताया कि निजी भूमि पर लगे पेड़ की कटाई के लिए राजस्व विभाग से एसडीएम अधिकृत अधिकारी होता है। उनकी अनुमति से पेड़ काट सकते हैं, जबकि एसडीएम कहते हैं कि राजस्व विभाग में पेड़ कटाई की सिर्फ सूचना देने का प्रावधान है। वहीं एसडीएम डिगेश पटेल ने कहा, निजी भूमि का अगर अधिग्रहण होता है, ऐसे स्थिति में उस जमीन पर लगे पेड़ की कटाई अर्जन करने वाली कम्पनी द्वारा या तो फ ारेस्ट विभाग से कराते हैं या फि र एसडीएम ऑफि स में सूचना देकर एजेंसी कटाई की व्यवस्था कर सकती है। उन्होंने कहा, मैं हस्तक्षेप नहीं कर सकता और पेड़ संबंधित कंपनी किसी को भी दे सकती है। भारतमाला परियोजना के इंचार्ज प्रदीप सिंह ने बताया उरगा से पत्थलगांव तक 87 किमी का काम चल रहा है। इसमें पेड़ कटाई के लिए भारतीय राज्य मार्ग प्राधिकरण अनुमति लेता है, हम लोग निर्माण एजेंसी हैं।
किसानों का आरोप-बिना मुआवजे के सड़क निर्माण शुरू
बाकारुमा के किसान बलराम राठिया, दुर्गेश्वर नाथ राठिया, मनीष कुमार व विनोद राठिया ने आरोप लगाया है कि बिना मुआवजा के सड़क निर्माण शुरू कर दिया गया है। ग्रामीणों ने पटवारी से मुलाकात की लेकिन वे भी स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं। किसानों का यह भी आरोप है कि उनकी अधिग्रहण के बाद उनकी जमीन पर लगे पेड़ों को जेसीबी से जड़ समेत उखाड़कर फेंक दिया गया। अब मुआवजे की बात पर निर्माण एजेंसी और राजस्व कर्मचारी कहते हैं कि जमीन पर पेड़ नहीं है तो मुआवजा कैसे मिलेगा।