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राजस्व विभाग में लाल फीताशाही (रेड टेपिज्म) होने से जिले के किसान है परेशान…जिले के सभी विभागों में लोक सेवा अधिनियम 2011 केवल कागजों में

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जिले मे विभागीय मंत्री होने के बाद भी लंबित आवेदन 7 हज़ार के पार
राजस्व विभाग के प्रभारी अधिकारी के पास नहीं है लंबित मामले की जानकारी

बलौदाबाजार- जोहार छत्तीसगढ़।
बलौदा बाजार में राजस्व के मामले कितने संवेदनशील और कितने धीमी गति से चल रहा है यह पाठकों को बताने की आवश्यकता नहीं है हालांकि इसके कारण कई हो सकते हैं अब ऐसे मामलों पर जिले के इकलौता मंत्री टंक राम वर्मा ने अलग-अलग स्तर पर शिविर का आयोजन कर प्रकरण का निराकरण करने की बात कही। अब देखने वाली बातें यह होगी की मंत्री जी विभागीय समीक्षा के दौरान बलौदा बाजार के कितने गैर जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर में कार्रवाही करते हैं।


मामले को जाने:-


जिले में बंटवारा, नामांतरण, जमीन पर अवैध कब्जा समेत 7हजार से अधिक मामले तहसील, एसडीएम समेत जिला राजस्व न्यायालय में लम्बित है। कई मामलों में पटवारी और आरआई सीधे इसके लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन, इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही होती है। पीड़ितों को सिर्फ इन न्यायालयों से तारीख मिलती है। यही वजह है कि बंटवारा, नामांतरण प्रकरण का निपटारा समय पर नहीं होने से शासन की कई योजनाओं के लाभ से ग्रामीण वंचित हैं। जिले की तहसील और एसडीएम कार्यालय में बाबू और पटवारी राज के चलते हजारों की संख्या में बंटवारा, नामांतरण समेत जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में पीड़ितों को तारीख पर तारीख दी जाती है, लेकिन प्रकरण का निराकरण नहीं किया जाता है।

7हजार से अधिक मामले लंबित


राजस्व विभाग के ऑफिसयल वेबसाइट से जानकारी के अनुसार एसडीएम, तहसील समेत जिला राजस्व विभाग में उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद भी समय सीमा में बंटवारा, नामांतरण, अवैध कब्जा समेत कई प्रकरण के 7 हजार से अधिक मामले में लंबित हैं। जिससे गांव के गरीब परिवार के लोग न्यायालय और राजस्व अधिकारियों का चक्कर लगाकर आर्थिक रूप से कमजोर हो रहे हैं।

राजस्व विभाग मे अधिकारीराज होने से जिले के किसान है परेशान


राजस्व विभाग के जिला प्रभारी मिथलेश डोंडे द्वारा लंबित मामले की जानकारी नहीं देने पर अपर कलेक्टर द्वारा फोन करके बोले जाने के बाद नहीं दिया गया जिसके बाद संवाददाता द्वारा जिला कलेक्टर से से मोबाइल से संपर्क कर मामले के बारे मे अवगत कराते हुए लंबित आंकड़े की प्रति के लिए निवेदन करने पर जिला कलेक्टर द्वारा मै दिखवाता हु करके बोल दिया लेकिन जानकारी नहीं मिल पाई। जिले मे पत्रकार के द्वारा चैनल प्रोसेस प्रभारी अधिकारी उसके बाद अपर कलेक्टर और अंत मे जिला कलेक्टर तक मांग की जाती है पर जानकारी नहीं मिल पाती है। स्पष्ट है पत्रकारो का सूचना संकलन करने का अधिकार प्रशासन द्वारा छीना जा रहा है।

इस मामले पर विभागीय मंत्री टंक राम वर्मा ने क्या कहा


इसके लिए हमने योजना बनाई है अलग-अलग स्तर पर शिविर का आयोजन करेंगे और उन शिविरों में लंबित प्रकरण का निपटारा किया जाएगा इस चीज के लिए हमने विभागीय सचिव को निर्देश दिया कि वे सभी कलेक्टर को निर्देश दिए है।

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