जोहार छत्तीसगढ़-रायगढ़।
रीपा का ग्रामीण अंचल में बेहतर प्रतिसाद देखने को मिल रहा हैं, यहीं कारण है आज रीपा से जहां ग्रामीण युवाओं को व्यापार के नए अवसर मिल रहे हैं, तो दूसरी ओर रोजगार के मार्ग भी खुल रहे हैं। आज रीपा के प्रारंभ होने से पढ़े-लिखे युवा आज नौकरी के अलावा स्वयं के व्यापार की ओर भी रूख कर रहे हैं इसकी एक बानगी सुखदेव और तुकाराम के रूप के देखने को मिली। जिन्होंने अपनी शिक्षा और हुनर को ही अपना व्यवसाय बनाया। कुछ समय पहले तक मजदूरी करने वाले दोनों दोस्तो आज अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ कर अन्य लोगों को भी रोजगार देने का कार्य कर रहे हैं। मैकनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा की पढ़ाई किए तुकाराम डनसेना रायगढ़ जिले के खरसिया ब्लॉक के भुवदेवपुर रीपा केंद्र में फेब्रिकेशन वेल्डिंग इकाई का सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं। पहले घर में फेब्रिकेशन का कार्य करते थे, इस दौरान उन्होंने स्वयं का व्यापार करने की सोचा और रीपा के प्रारंभ होने से उन्हें एक सुनहरा अवसर मिला। उन्होंने पीएमईजीपी योजना का लाभ लेते हुए 10 लाख का लोन लेकर फेब्रिकेशन व्यवसाय प्रारंभ किया। आज उन्होंने बीते सात-माह माह में 8 लाख 40 हजार तक की बिक्री कर 2.60 लाख तक शुद्ध मुनाफा कमा चुके। वर्तमान में उन्हें लोकल बाजार एवं पंचायत इत्यादि कार्य का भी आर्डर प्राप्त हुआ है, जिससे इनके आय में 3 लाख रुपये की और बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही डनसेना ने अपने बचत पैसे से पेवर ब्लॉक इकाई का कार्य भी शुरू किया। जिसमें उनका साथ राजमिस्त्री का कार्य चुके सुखदेव चौहान ने दिया। उन्होंने दो माह में पेवर 1 लाख 70 लाख की बिक्री कर 60 हजार का मुनाफा प्राप्त कर चुके हैं। वही इससे जुड़कर ग्रामीण युवा अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना रीपा से न केवल ग्रामीणों के जीवन में परिवर्तन आया हैए बल्कि उनके सफ ल उद्यमी बनने के सपने भी साकार हो रहे हैं। केवल खेती-किसानी और मजदूरी तक सीमित रहने वाले किसान भी रीपा योजना से जुड़कर उद्यम की ओर बढ़ रहे है। रीपा योजना के तहत संचालित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नये-नये व्यवसाय की जानकारियां लेकर इनकी बारीकियां सीख रहे हैं। अपने हुनर को गढ़ उद्यमिता की सफ र तय कर रहे हैं और लाभान्वित हो रहे हैं।