जोहार छत्तीसगढ़- धरमजयगढ़। धरमजयगढ़ वन मंडल के गेरसा इलाके में बैगिन झरिया नामक जंगल में बीते 10 जनवरी को एक नर हाथी की करंट लगने से मौत के मामले में वन विभाग ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। धरमजयगढ़ डीएफओ अभिषेक जोगावत ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दौलतराम वल्द धनीराम उम्र 27 वर्ष, कार्तिक राम वल्द दिलीप सिंह उम्र 21 वर्ष व रामप्रसाद वल्द आनन्द राम उम्र 36 वर्ष शामिल हैं। सभी आरोपी गेरसा गांव के निवासी हैं। वहीं गुरुवार को आरोपियों को धरमजयगढ़ न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। इस संबंध में धरमजयगढ़ डीएफओ अभिषेक जोगावत ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि मौका स्थल के सूक्ष्म जांच में पाया गया कि गेरसा के बैगिन झरिया स्थल पर निजी भूमि पर एक हाथी मृत अवस्था में पाया गया। हाथी के शव से नँगा जी आई तार चिपका हुआ मिला तथा करंट से जमीन की सतह के घास फूस जलने के निशान मिले। इसके साथ ही जांच में पाया गया कि थनवार सिदार नामक एक स्थानीय किसान कि निजी भूमि पर बिजली के स्थित खम्भे से संदिग्ध व्यक्तियों के द्वारा, बिजली के खम्भे से लगे मुख्य विद्युत तार से नंगा जी आई तार फैलाकर घटनास्थल बहुत से आगे तक लाया लाया गया था, जिनके निशान मिले। इसके अलावा जगह-जगह पेड़ का डगाल व खूंटी गाड़ कर प्लास्टिक कवर डालकर करंट प्रवाहित तार फैलाया गया था। जिसकी चपेट में आने से हाथी की मृत्यु होना पाया गया। जिस पर अपराध क्रमांक 14121/15 दिनांक 12/01/2023 दर्ज किया गया। इसके साथ ही वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, व 51 के तहत तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उन्हें अभिरक्षा में जेल दाखिल कराया गया है। बता दें कि बीते मंगलवार को धरमजयगढ़ रेंज के गेरसा बीट अंतर्गत बैगिन झरिया जंगल में एक नर हाथी का शव बरामद हुआ था। जिसके बाद विभागीय जांच में यह बात सामने आई कि करंट लगने से दंतैल हाथी की मौत हुई है। वहीं मामले की पुष्टि के बाद विभाग द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए संदेहियों से पूछताछ शुरू की गई। जांच में आरोपियों ने जंगल में करंट का जाल बिछाने की बात स्वीकार की। जिसके बाद वन विभाग द्वारा तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत बीते करीब पांच महीने के भीतर 5 हाथियों की मौत हो चुकी है जिसमें से 3 घटनाओं में मौत का कारण करंट बताया गया। इधर, सुरक्षा व जागरुकता को लेकर तमाम विभागीय कवायदों के बाद भी क्षेत्र में जंगली जानवरों के शिकार के लिए करंट प्रवाहित तार बिछाए जाने की घटनाए लगातार सामने आ रही हैं।