जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
लोग भ्रष्टाचार करने के लिए क्या क्या कर देते हैं, भ्रष्टाचार करने के लिए स्थानीय प्रशासन भी इन लोगों का साथ देते हैं। हम बात कर रहे हैं। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ ब्लॉक की धरमजयगढ़ से होकर जाने वाली भारत माला परियोजना के तहत सड़क निर्माण का कार्य शुरू होना है। सड़क निर्माण में किसानों की खेत भी आ रहे हैं। जिसके लिए किसानों की भूमि की अधिग्रहण किया जाना है। सड़क निर्माण शुरू होने से पहले इस भूमि की कई बार सर्वे किया जा चुका है लेकिन हर बार सर्वे में किसानों की खेत में निर्माण कार्य में फेर बदल पाया गया है। सबसे पहले जब सर्वे किया गया था तब प्रभावित खेत में एक्का दुक्का खेत में ही निर्माण मिला था।
लेकिन जैसे ही किसानों को पता चला कि हमारे खेत में सड़क निर्माण होना है और मुआवजा भी मिलेगा। तो किसानों ने पटवारी और कर्मचारियों से पता किया तो पता चला कि पोल्ट्री फार्म में अधिक मुआवजा मिलता है, फिर क्या सभी किसान अधिक मुआवजा पाने अपने प्रभावित एरिया में फर्जी तरीके से पोल्ट्री फार्म का शेड निर्माण कर दिया था। किसानों द्वारा बनाये गये एक भी पोल्ट्री फार्म में किसी भी फार्म मालिक द्वारा मुर्गी पालन नहीं किया गया, सिर्फ मुआवजा पाने के लिए ऐसा किया गया था। कई किसान तो बोर के नाम पर जेसीबी मशीन से 20-25 फीट गढ्डा खोदकर केसिन पाईप डाल रखा है। लेकिन विड़बना तो देखिए कि कुछ अधिकारी के दलालनुमा लोग मिलकर अब पोल्ट्री फार्म के शेड में सिर्फ शेड का मुआवजा मिलेगा बोलते हुए रातों रात निर्माण में बदलाव करवा दिया है। अब यह पोल्ट्री फार्म नहीं गोदाम बन गया है। अब सोचने वाली बात है कि क्या किसानों द्वारा बनाया गया गोदाम कभी किसी भी प्रकार की उपयोग में आया है। किस नाम का गोदाम बनाया है। क्या पटवारी बता पायेंगे बार-बार सर्वे में निर्माण कार्य में बदलाव क्यों कर रहे हैं? इनके इस तरह की सर्वे में बदलाव से ऐसा लगता है कि किसानों के साथ मिलकर शासन को लाखों करोड़ों का मुआवजा घोटाला करने का मनबान लिया है। ऐसे मामलों में मुआवजा अधिकारी एसडीएम धरमजयगढ़ को कड़ा कदम उठाना चाहिए। अब देखना है कि अधिकारी इस विषय पर क्या जांच करवाते हैं ये फिर मनमानी चलते ही रहेगा।