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कंडम बिल्डिंग को डिस्मेंटल नहीं किया गया तो कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है

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जोहार छत्तीसगढ़-सक्ती।
जिले कसेर पारा स्कूल जो अब स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम स्कूल के जर्जर विद्यालय के भवनों को आदेश के 5 वर्ष बाद भी डिस्मेंटल नहीं किया गया है। जीर्ण शीर्ण हो चुके विद्यालय भवनों बच्चों के ऊपर कभी भी बड़ी दुर्घटना होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता यदि बात की जाए नगर के शासकीय प्राथमिक शाला कसेर पारा जो अब स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम स्कूल के विद्यालय प्रबंधन के द्वारा अनेकों बार उच्चाधिकारियों को इस बात से अवगत कराया जा चुका है। कि कंडम हो चुकी बिल्डिंगों को डिस्मेंटल करा दिया जाए लेकिन सारी औपचारिकताओं के बावजूद वर्षों बीत जाने के बाद भी उक्त विद्यालय भवन में बिल्डिंग गिरी अवस्था में पड़ी हुई हैं। जिनका किसी भी प्रकार से कोई उपयोग नहीं है। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम स्कूल की प्राचार्य पी गबेल ने कहा कि जिस प्रकार से जीर्ण शीर्ण अवस्था में अनुपयोगी बिल्डिंग में पड़ी हुई है उससे निश्चित तौर पर बड़ी दुर्घटना की आशंका को दरकिनार नहीं किया जा सकता। इसके लिए उचित आवेदन देकर डिस्मेंटल करने की मांग बारंबार उच्च अधिकारियों से भी की गई है। दोनों के बारे में विस्तृत जानकारी भी उच्चाधिकारियों को उपलब्ध करा दी गई है। खेल युवा उत्सव के उद्घाटन में कलेक्टर महोदय ने आर ई एस के एसडीओ पैकरा को तत्काल डिस्मेटल करने कहां गया था लेकिन उसके बावजूद भी आज तक बिल्डिंग को डिस्मेंटल नहीं किया गया। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने कलेक्टर को पत्र प्रेषित कर बताया था कि सक्ती जिला अंतर्गत जो शाला भवन अनुपयोगी एवं जर्जर हो चुके हैं जिस कारण उसे डिस्मेंटल किए जाने की नितांत आवश्यकता है। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया था कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम कसेर पारा स्कूल सक्ती का शाला भवन कंडम हो गया है। शासकीय प्राथमिक शाला भवन बहुत पुराना हो जाने की वजह से जीर्ण शीर्ण हो गया है। विडंबना ही कहें कि इस पत्र को लिखे जाने के 4 वर्ष बाद भी किसी भी प्रकार की कोई भी कार्यवाही देखने को नहीं मिली कहीं विभागीय उदासीनता के कारण कोई बड़ी दुर्घटना घटित ना हो जाए। देखने को मिल रहा है कि कसेर पारा स्कूल में छोटे.छोटे बच्चे उक्त बिल्डिंगों में जाते रहते हैं वहां खेलते रहते हैं जिस कारण कभी भी दुर्घटना हो सकती है और उस समय केवल सरकार के पास पछताने के अलावा कोई चारा नहीं होगा इसलिए आवश्यकता है कि समय रहते इन कंडम हो चुकी बिल्डिंगों को तत्काल डिस्मेंटल करा दिया जाए और इन स्थानों पर नई बिल्डिंगों का निर्माण किया जाए ताकि इसका लाभ विद्यालय के छात्र-छात्राओं को भी मिले और उनकी पढ़ाई भी आगे बढ़े और किसी भी प्रकार की पढ़ाई प्रभावित न हो।
कसेर पारा में कमरों की कमी, डिस्मेंटल हो तो बनें नई कमरे
मिली जानकारी के अनुसार स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम कसेर पारा स्कूल में कक्षा पहली से 12 तक एक ही प्रांगण में स्थित है। कुल 418 विद्यार्थी यहां अध्य्यन करते हैं। सबसे खास बात यह है कि छोटे बच्चों का ज्यादा ध्यान देना पड़ता है लेकिन इसके बावजूद कई बार देखने को मिलता है कि बच्चे उक्त भवन तक पहुंच जाते हैं जिसकी छत आये दिन गिरती रहती हैं। ऐसे में कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है।

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