जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
शासकीय दांव पेंच के चक्कर में फु टकर व्यवसायी ठगे गए हैं। विगत कई वर्षों से पैसा देकर भी आज तक दुकान नहीं मिल सका है। यह तीसरा कार्यकाल चल रहा है जो अब पूरे होने के कगार पर है। लेकिन इन फुटकर व्यवसायियों को उनका हक नहीं मिल सका है। हां हम बात कर रहे हैं बाजार में बने 65 दुकानों की जो अब क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। बस स्टैंड धरमजयगढ़ में ठेला, गुमटी लगाकर व्यवसाय करने वालों को तत्कालीन कलेक्टर अमित कटारिया ने स्थाई दुकान दिलाने के लिए नगर पंचायत को निर्देशित किया था। जिस पर नगर पंचायत ने इन फु टकर व्यवसायियों से ही रुपये लेकर 65 दुकान का निर्माण किया है। जिसे निर्माण हुए कई वर्ष हो चुका है। कई दुकान तो अब क्षतिग्रस्त हो रहा है। लेकिन अभी तक उन व्यवसायियों को दुकान आबंटित नहीं हो सका है। भाजपा शासनकाल में बने इस दुकान का आबंटन नहीं होने पर कांग्रेस के नेता व्यंग कसते रहते थे। कांग्रेस की सरकार आने पर तत्काल आबंटन कर दी जाएगी। लेकिन अब नगर एवं प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी आबंटन नहीं हो सका है। जिससे फ टक व्यवसायी अब ज्यादा मायूस हुए हैं। अपनी गाढ़ी कमाई का लाखों रुपये लगा चुके छोटे व्यवसायी अब सिर धुनने को मजबूर हैं। नगर पंचायत में तो सिर्फ उठापटक चल रहा है। सिर्फ सीएमओ का स्थानांतरण यहां का मुख्य एजेंडा बन चुका है। अभी माह भर हुए नए सीएमओ ने कार्यभार संभाला है। जो सुबह से ही वार्ड की समस्या को जानने अपनी टीम के साथ निकल पड़ते हैं। जिनके निर्देश पर अभी नगर में साफ सफाई एवं लाइट लगाने सहित अन्य कार्य तेज गति से हो रहा है। लेकिन सूत्रों से पता चल रहा है कि फिर वाद विवाद शुरू हो गया है। नए सीएमओ ने पुरानी बातों को भुलाकर नए सिरे से कार्य करने की बात कही है। जिससे नगरवासियों में थोड़ी आस जगी थी। फ ुटकर व्यवसायियों को भी लगा था कि अब दुकान का आबंटन हो जाएगा। लेकिन कुछ लोग पुरानी गड़े मुर्दों को खोदने में लगे हैं। अब देखना होगा कि शुरू हुए विवाद कब थमेगा या फिर सीएमओ का स्थानांतरण होगा।